हैदराबाद: आंध्रप्रदेश पुनर्गठन मसौदा विधेयक 2013 को केंद्र को लौटाने के लिए मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को सदन में प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस जारी करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के मंत्रियों और तेलंगाना के अन्य नेताओं ने मांग की कि वह नोटिस को वापस लें.
आईटी मंत्री पोन्नाला लक्ष्मैया ने तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं के साथ यहां बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह गैर लोकतांत्रिक एवं गैर जिम्मेदाराना है. सरकार की तरफ से नोटिस दी गई थी. हमसे (मंत्रियों) कभी भी संपर्क नहीं किया गया. हम इस कार्रवाई (मुख्यमंत्री के) को खारिज करते हैं.’’
संविधान के अनुच्छेद तीन (नए राज्यों के गठन और वर्तमान राज्य के इलाके, सीमा या नामों के बदलाव) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सभी राज्य केंद्रय सरकार के निर्देशों का पालन करने को बाध्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कोई कारण, उद्देश्य या अधिकार नहीं है कि बिना चर्चा के, बिना विचार व्यक्त किए विधेयक को वापस लौटाया जाए.’’लक्ष्मैया ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरीके से काम करना उचित नहीं है जिससे ‘‘केंद्रीय कैबिनेट, संविधान और राष्ट्रपति का उल्लंघन’’ होता है.
अलग से लिखे पत्र में आंध्रप्रदेश के मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद् के सभापति से अपील की प्रस्तावित संकल्प को खारिज करें. तेलंगाना के अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री पर प्रहार किया. कांग्रेस के मुख्य सचेतक जी. वेंकट रमन्ना रेड्डी ने कहा कि किरण का कदम लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है.