चीन ने नियम तोड़कर पाक को दिए परमाणु रिएक्टर्स

नयी दिल्ली : पडोंसी मुल्क चीन ने खुद अपने बनाए नियम तोड़कर पाकिस्तान को परमाणु रिएक्टर दिया है. यह कृत्य परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का उल्लंघन है. चीन हमेशा से एनपीटी को जरूरी बताता रहा है. उसने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की मेंबरशिप का विरोध भी इसलिए किया था क्योंकि हमने एनपीटी पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2016 9:24 AM

नयी दिल्ली : पडोंसी मुल्क चीन ने खुद अपने बनाए नियम तोड़कर पाकिस्तान को परमाणु रिएक्टर दिया है. यह कृत्य परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का उल्लंघन है. चीन हमेशा से एनपीटी को जरूरी बताता रहा है. उसने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की मेंबरशिप का विरोध भी इसलिए किया था क्योंकि हमने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. परमाणु अप्रसार की वैश्विक संस्था आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन(एसीए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2010 में एनपीटी रिव्यू कांफ्रेंस के दौरान रखे गए प्रस्ताव का उल्लंघन करते हुए चीन ने पाकिस्तान को परमाणु रिएक्टर्स उपलब्ध कराये थे.

रिपोर्ट के अनुसार एक ऐसे देश (पाकिस्तान) को ये रिएक्टर्स उपलब्ध कराना जो अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ओर से तय मनकों के तहत नहीं आता है, एनपीटी के प्रावधानों को साफ तौर पर उल्लंघन है. रिपोर्ट की माने तो चीन ने 2013 में अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ ‘चस्मा-3’ एटॉमिक रिएक्टर के लिए समझौता किया है. यह समझौता एनपीटी के नियमों का उल्लंघन करती है. इसमें कहा गया है कि जिस देश के साथ परमाणु समझौता किया जाएगा, उसे आइएइए मानकों को ध्‍यान में रखना पड़ेगा.

इन मानकों में एक यह भी है कि वह देश परमाणु सामाग्री का इस्तेमाल हथियार बनाने में नहीं करेगा जबकि पाकिस्तान साफतौर पर ऐसे मानकों को नजर अंदाज करता आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन 2000 में किए अपने उस वादे को भी भूल गया, जिसमें उसने कहा था कि वह किसी भी देश को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने के लिए परमाणु सामग्री उपलब्ध नहीं कराएगा. चीन ने 2004 में एनएसजी सदस्यता मिलने के बाद से अब तक पाक को 6 न्यूक्लियर रिएक्टर्स उपलब्ध करा चुका है. चीन ने इसके लिए पाक के साथ 2003 में हुई एक डील का रोना रोया है हालांकि उस वक्त चीन भी एनएसजी का सदस्य नहीं था.

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