राज्यसभा में कल पेश होगा GST बिल, BJP ने जारी किया व्हिप
नयी दिल्ली : राज्यसभा में कल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पेश होने की संभावना है. बिल पर चर्चा के लिए भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सभी सदस्यों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. BJP has issued three line whip to all its RS MPs, […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में कल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पेश होने की संभावना है. बिल पर चर्चा के लिए भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सभी सदस्यों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
BJP has issued three line whip to all its RS MPs, for the GST bill which is likely to come for discussion and passing in upper house tomm.
— ANI (@ANI_news) August 1, 2016
संसद में जीएसटी विधेयक के पारित होने का भरोसा : राजनाथ सिंह
बेंगलुरु : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भरोसा जताया कि बहु-प्रतीक्षित जीएसटी विधेयक संसद में पारित हो जाएगा. सिंह ने कहा, ‘हम जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाये हैं, जिस पर कांग्रेस के समय से ही चर्चा हो रही है. मुझे भरोसा है कि हम संशोधन करेंगे और जीएसटी विधेयक पारित होगा.’
जीएसटी विधेयक सभी परोक्ष करों का स्थान लेगा
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रस्तावित जीएसटी विधेयक सभी परोक्ष करों का स्थान लेगा. सरकार ने राज्यसभा में जीएसटी के लिए संविधान संशोधन को अगले सप्ताह विचारार्थ सूचीबद्ध किया है. विजयनगर साम्राज्य के महाराजा कृष्णदेव राय के प्रशासन की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि उनके शासन में कुछ संरचनात्मक और प्रक्रियागत सुधार लाए गए जैसा कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार आज कोशिश कर रही है.
सरकार की ‘अग्निपरीक्षा’
जीएसटी बिल को लेकर पिछले काफी समय से कयास लगाये जा रहे हैं. सरकार और विपक्ष के बीच इसके प्रावधानों को लेकर लंबी जद्दोजहद चली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात वरिष्ठ मंत्रियों के साथ इस मामले में रणनीतिक बैठक की. पिछले कुछ हफ्तों के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को मनाने में खूब मेहनत की है. जेटली ने इस दौरान राज्य सरकारों और क्षेत्रीय पार्टियों के साथ भी बातचीत की है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार को जीएसटी पर उनका समर्थन मिल जाएगा.
इस मामले पर आशावान हैं : अरुण जेटली
अरुण जेटली ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘हम इस मामले में आशावान हैं.’ उन्होंने संकेत दिया कि सरकार ने बिल पास कराने के लिए राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत जुटा लिया है. जीएसटी को कानूनी शक्ल देने लिए सरकार को संविधान में संशोधन भी करना पड़ेगा. राज्यसभा में 32 में से 30 पार्टियां अब जीएसटी बिल का समर्थन कर रही हैं.
सरकार ने वस्तुओं का उत्पादन करने वाले राज्यों की भरपाई के लिए दूसरे राज्यों की सीमाओं को पार करने पर लगने वाले टैक्स को एक फीसद कम करके कुछ हद तक कांग्रेस को भी खुश करने की कोशिश की है. संविधान संशोधन के बाद सरकार को जीएसटी बिल पास करवाना होगा. जिसमें टैक्स की दर और वह अधिकत्तम सीमा, जिससे ज्यादा टैक्स नहीं लिया जा सकता सब शामिल किया जाएगा.
जीएसटी से भारत की आर्थिक विकास को लगेंगे पंख : जेटली
वित्त मंत्री का मानना है कि केंद्र और राज्यों के अलग-अलग टैक्सों की बजाय राष्ट्रीय स्तर पर एक टैक्स (जीएसटी) से भारत की आर्थिक विकास को पंख लगेंगे और यह दो फीसदी तक बढ़ सकता है. जीएसटी लाने के लिए संवैधानिक संशोधन को सरकार ने लोकसभा में पास करा लिया है.
राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए चाहिए दो तिहाई बहुमत
बता दें कि लोकसभा में सरकार के पास पूर्ण बहुमत हासिल है. राज्यसभा में फिलहाल 243 सदस्य हैं, जबकि दो सीटें खाली हैं. सरकार को राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत या 162 मत चाहिए. केंद्र में सत्तारूढ़भाजपा और एनडीए की सहयोगी पार्टियों के अलावाभाजपा के पास क्षेत्रिय पार्टियों के सहयोग से बहुमत हासिल है. ऐसे में अगर कांग्रेस अपने 60 सांसदों के साथ सरकार के खिलाफ वोट करती है तो भी सरकार आसानी से बिल पास करा लेगी.
हालांकि सरकार चाहेगी कि कांग्रेस भी जीएसटी पर उसका समर्थन करे, ताकि सदन बिना किसी शोर शराबे के चलता रहे. अगर सदन में कांग्रेस ने हंगामा किया तो सरकार को बिल सदन में रखने और वोटिंग कराने में दिक्कत पेश आयेगी.
एआईएडीएमके के राज्यसभा में हैं 13 सदस्य
तमिलनाडु की सत्ता में बैठी जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के राज्यसभा में 13 सांसद हैं और पार्टी जीएसटी का विरोध कर रही है. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि जयललिता की पार्टी राज्य में अपने समर्थकों को खुश करने के लिए जीएसटी के विरोध में सदन से वॉकआउट करेगी. इससे भी सरकार को जीएसटी पास कराने में मदद ही मिलेगी.
जीएसटी में टैक्स दर 17 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए : कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि जीएसटी में टैक्स दर 17 फीसद से ज्यादा नहीं होना चाहिए. हालांकि यह राज्य सरकारों (जीएसटी काउंसिल) से बातचीत के आधार पर तय होगा. अगर सरकार को जीएसटी बिल को लेकर सफलता मिलती है तो इसके साथ जो आर्थिक सुधारों को गति मिलेगी उससे निवेशक खुश होंगे. निवेशक काफी समय से ऐसे आर्थिक सुधारों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.