चुनाव सुधारों को अंतिम रुप देने की प्रक्रिया तेज

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के करीब आने के बीच विधि आयोग शनिवार को चुनावी सुधार पर सलाह मशवरा करेगा. इसमें जनमत सर्वेक्षणों और झूठे हलफनामे देने वाले उम्मीदवारों के भाग्य जैसे पेचीदा विषयों पर चर्चा होगी. राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ विचार विमर्श से लगता है कि आयोग चुनाव सुधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2014 4:46 PM

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के करीब आने के बीच विधि आयोग शनिवार को चुनावी सुधार पर सलाह मशवरा करेगा. इसमें जनमत सर्वेक्षणों और झूठे हलफनामे देने वाले उम्मीदवारों के भाग्य जैसे पेचीदा विषयों पर चर्चा होगी.

राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ विचार विमर्श से लगता है कि आयोग चुनाव सुधार संबंधी अपनी सिफारिशों को मूर्त रुप देने की ओर बढ़ रहा है. इन सिफारिशों के संबंध में वह परामर्श पत्र पहले ही वितरित कर चुका है.

आयोग ने मई 2013 में जारी आने परामर्श पत्र में जानना चाहा था कि क्या उस जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार दिया जाए जिसे किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है या जिसके विरुद्ध अदालत मे आरोप पत्र दाखिल किया जाता है. उसने कहा कि संविधान के कर्तव्यों को पूरा करने के साथ लोकतंत्र को मजबूत करने और कानून का राज सुनिश्चित करने के लिए चुनाव सुधार की ओर बढ़ना आवश्यक है.

आयोग इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या जनमत सर्वेक्षणों के प्रकाशन या प्रसारण को चुनावों की घोषणा होने और अंतिम चरण के चुनाव होने तक पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाए.

वर्तमान कानून के तहत चुनाव आयोग मतदान से 48 घंटे पहले इस पर प्रतिबंध लगा सकता है. भाजपा को छोड़कर चुनाव आयोग, अटार्नी जनरल और प्रमुख राजनीतिक दलों ने जनमत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है.

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