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सउदी में आर्थिक तंगी के कारण फंसे 7,700 भारतीय कामगार, हालात का जायजा लेने जाएंगे वी के सिंह

नयी दिल्ली : सउदी अरब में भारतीय दूतावास, वहां छंटनी के शिकार हुए हजारों भारतीय कामगारों का विवरण जुटा रहा है. इन भारतीयों के हालात का जायजा लेने के लिए विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह आज रात सउदी अरब रवाना होंगे. वहां वे स्वदेश वापसी के इच्छुक भारतीयों के लिए औपचारिकताओं को भी अंतिम रुप […]

नयी दिल्ली : सउदी अरब में भारतीय दूतावास, वहां छंटनी के शिकार हुए हजारों भारतीय कामगारों का विवरण जुटा रहा है. इन भारतीयों के हालात का जायजा लेने के लिए विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह आज रात सउदी अरब रवाना होंगे. वहां वे स्वदेश वापसी के इच्छुक भारतीयों के लिए औपचारिकताओं को भी अंतिम रुप देंगे.

वर्तमान में, कुल 7,700 प्रभावित भारतीय कामगार 20 शिविरों में रह रहे हैं और दूतावास सउदी अरब के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अन्य भारतीय कामगारों के बारे में विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया में है. सिंह आज रात दुबई के रास्ते जेद्दाह के लिए रवाना हो रहे हैं. वह कल तड़के सुबह वहां पहुंच जाएंगे और शुक्रवार शाम को उनके लौटने का कार्यक्रम है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा कि जमीनी स्तर पर उनका आकलन आगे की कार्रवाई तय करेगा.

आज इससे पहले, खाडी देशों से जुड़े मामलों को देखने वाले सिंह के मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर ने भारत में सउदी अरब के राजदूत सउद बिन मोहम्मद अल साती से मुलाकात कर बेरोजगार भारतीयों की स्थिति पर चर्चा की. विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने इस मसले से जुडे कई ट्वीट किए. ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘भारत में सउदी के राजदूत डॉ. सउद बिन मोहम्मद अल साती से सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई.

भारतीय कामगारों से जुड़े मुद्दे समेत सभी मुद्दों को सुलझाने की दिशा में सउदी सरकार की ओर से आश्वासन और सहयोग मिलने पर मुझे प्रसन्नता है.” कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और सउदी अरब की सरकार द्वारा खर्चों में कटौती किए जाने से खाडी में अर्थव्यवस्था के चरमरा गई है जिससे सउदी अरब में हजारों भारतीयों की नौकरी चली गई है. आर्थिक तंगी के कारण उन्हें खाने के लाले पड़े गए हैं. भोजन खरीदने में असमर्थ लोगों को भारतीय मिशन ने भोजन उपलब्ध करवाया.

भारतीय दूतावास से एक टीम ने कामगारों के कानूनी बकायों के संरक्षण से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कल सउदी अरब के अधिकारियों से मुलाकात की. स्वरुप ने कहा कि रियाद में भारतीय दूतावास ने सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ताओं की कल एक बैठक की जिसमें राजदूत ने प्रभावित कामगारों के बारे में सूचना संग्रह करने में उनकी मदद मांगी. उन्हें एक प्रपत्र उपलब्ध कराया गया जिस पर मांग सूचना इस दूतावास को सौंपी जानी है.

सरकार ने सउदी अरब के अधिकारियों से नियोक्ताओं से बगैर एनओसी के बेरोजगार भारतीय कामगारों को निकासी वीजा देने का अनुरोध किया है और उन कर्मचारियों के बकाए का निपटान करने का भी अनुरोध किया है जिन कर्मचारियों के कई महीनों से वेतन बकाया हैं.

स्वरुप ने कहा कि मेसर्स सउदी ओगर से जुड़े 4,072 भारतीय कामगार रियाद में नौ शिविरों में रह रहे हैं, जबकि एक कर्मचारी दम्माम में है. वहीं मेसर्स साद ग्रुप से जुड़े 1,457 कर्मचारियों को दम्माम में दो शिविरों में रखा गया है. चौदह शिविरों में रह रहे कुल 5,547 भारतीय कामगारों को रियाद में भारतीय दूतावास द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

स्वरुप ने कहा, ‘‘ इनके अलावा, जेद्दाह में छह शिविरों में मेसर्स सउदी ओगर से जुडे 2,153 भारतीय कामगार हैं जिन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा भोजन उपलब्ध कराया गया है. इस तरह से कुल 7,700 प्रभावित भारतीय कामगार 20 शिविरों में हैं.” दूतावास की टीमें कल रियाद में छह शिविरों में गईं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ प्रत्येक कामगार, उसकी कुल सेवा, बकाया वेतन, बाहर निकलने.. नौकरी में बने रहे.. स्थानांतरण की इच्छा के बारे में अलग..अलग सूचना एकत्र की जा रही है.” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल संसद में बताया था कि कामगारों को वापस भारत लाया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा था कि उनमें से किसी को भी भूखा नहीं रहना होगा.

स्वराज ने कहा है कि भारत सरकार सउदी अरब के विदेश और श्रमिक विभाग के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि प्रभावित भारतीयों को वहां से जल्द से जल्द निकाला जाएगा.

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