जैन समुदाय को मिला अल्पसंख्यक का दर्जा
नयी दिल्ली : केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही जैन समुदाय आज अल्पसंख्यक दर्जा पाने वाला छठा धार्मिक समूह बन गया. सरकार ने गत 20 जनवरी को आयोजित कैबिनेट की बैठक में करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का निर्णय किया था. यह जैन समुदाय की पुरानी […]
नयी दिल्ली : केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही जैन समुदाय आज अल्पसंख्यक दर्जा पाने वाला छठा धार्मिक समूह बन गया. सरकार ने गत 20 जनवरी को आयोजित कैबिनेट की बैठक में करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का निर्णय किया था. यह जैन समुदाय की पुरानी मांग थी और इससे उन्हें सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में लाभ मिलेगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कानून, 1992 की धारा दो की उपधारा (सी) के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के तौर पर पहले से अधिसूचित पांच समुदायों के अलावा जैन समुदाय को एक अल्पसंख्यक समुदाय अधिसूचित करती है.’’
अपनी मांग स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए जैन समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. उसके अगले ही दिन कैबिनेट का निर्णय आ गया.
जैनों को अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए जारी होने वाली केंद्रीय धनराशि और छात्रवृत्तियों में अब हिस्सेदारी मिलेगी. इसके साथ ही वे अपने शैक्षिक संस्थान का प्रबंधन और व्यवस्था कर सकेंगे.
अन्य अल्पसंख्यक समुदायों में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी शामिल हैं. इस समुदाय को कुछ राज्यों में अल्पसंख्यक का दर्जा पहले से प्राप्त है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं लेकिन अब यह दर्जा पूरे देश में प्राप्त होगा.