जोधपुर : बलात्कार मामले में आसाराम बापू की अदालत में पेशी के दौरान वहां जमा हो जाने वाले उनके अति उत्साही अनुयायियों से परेशान पुलिस ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक बार फिर याचिका दायर कर मामले की सुनवाई को जेल परिसर में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. यह याचिका कल दायर की गई थी. उच्च न्यायालय ने इसके आधार पर आसाराम और मामले में दो सह आरोपियों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में इस पर जवाब मांगा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘आसाराम के इन समर्थकों को संभालना हमारे लिए सिरदर्द बन चुका है. उन्हें आसाराम से दूर रखने के लिए हमें बडी संख्या में पुलिस बल लगाना पडता है. कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए कई बार हमें उन्हें ले जाकर शहर के बाहरी इलाकों में छोडना पडता है.’
पिछले साल भी इन्हीं वजहों से मामले की सुनवाई को जेल की अदालत में करवाने का आदेश मिला था लेकिन उच्च न्यायालय प्रशासन के इस आदेश को आसाराम ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. लेकिन मामले की अदालत परिसर में सुनवाई की इजाजत इस शर्त पर दी गई थी कि आसाराम मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और अपने समर्थकों से अदालत परिसर और जेल से अदालत तक के रास्ते में हंगामा नहीं करने की अपील करेंगे.
अधिकारी ने बताया कि आसाराम के अनुयायी ‘अपनी जान को जोखिम में डालकर कई बार वाहन के इतने करीब आ जाते हैं कि दुर्घटना हो सकती है.’ उन्होंने बताया, ‘सुनवाई जेल की अदालत में होती है तो इससे आसाराम की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी क्योंकि वे अपने विरोधियों का निशाना भी बन सकते हैं.’
एक किशोरवय लडकी ने आरोप लगाया था कि स्वयंभू संत आसाराम ने जोधपुर के निकट मनाई गांव में अपने आश्रम में उसका यौन उत्पीडन किया है.उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली लडकी आश्रम में छात्रा थी. उसकी शिकायत के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया था, वे तभी से जेल में हैं.