F-16 फाइटर प्लेन भारत में बनेगा, अमेरिकी कंपनी ने रखा प्रस्ताव

नयी दिल्ली : अमेरिका की प्रमुख रक्षा उपकरण कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने अपनेलड़ाकू विमान एफ-16 के मुख्य कारखाने को भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश की है.कंपनी का इरादा भारत से ही इन विमानों की स्थानीय और वैश्विक मांग को पूरा करना है. मीडिया रिपोट्सके मुताबिक कंपनी के एक आला अधिकारी ने गुरुवार को कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2016 10:29 AM

नयी दिल्ली : अमेरिका की प्रमुख रक्षा उपकरण कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने अपनेलड़ाकू विमान एफ-16 के मुख्य कारखाने को भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश की है.कंपनी का इरादा भारत से ही इन विमानों की स्थानीय और वैश्विक मांग को पूरा करना है.

मीडिया रिपोट्सके मुताबिक कंपनी के एक आला अधिकारी ने गुरुवार को कहा किकंपनीने इस बारे में भारत सरकार को आैपचारिक प्रस्ताव दिया है. मालूम हो कि अमेरिकी सांसदों की आपत्ति के बाद हाल ही में पाकिस्तान को ये विमान देने पर रोक लग गयी है. लॉकहीड मार्टिन के पास एफ-16 ब्लॉक-70 विमान की अभी केवल एक ही उत्पादन लाइन है. हालांकि भारत के लिए की गयी पेशकश के साथ शर्त यह है कि वह भारतीय वायुसेना के लिए इन विमानों का चयन करे.

एफ-16 कारोबार के प्रभारी रैंडल एल हॉवर्ड ने कहाकि हमने भारत के सामने जो प्रस्ताव रखा है वह बेजोड़ है. हमने ऐसा प्रस्ताव कभी किसी के सामने नहीं रखा. लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि उनकी कंपनी चाहती है कि एफ-16 ब्लॉक-70 विमान का भारत में भारत के लिए निर्माण हो और यहीं से इसका दुनिया में निर्यात किया जाए.साथ ही उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि क्या वह यह आश्वासन देगी कि एफ-16 विमान पाकिस्तान को नहीं बेचे जायेंगे.जवाबमें उन्होंने बस इतनाही कहा कि यह बातें भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच बातचीत का विषय होंगी.

हॉवर्ड ने कहा, हम न केवल अपनी एकमात्र उत्पादन सुविधा भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहे हैं बल्कि उसी से हम दुनिया के बाकी बाजारों की जरूरत को भी पूरा करना चाहते हैं. भारतीय क्षेत्र के लिए एफ-16 ब्लॉक-70 सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक ऐसा भागीदार चुने जो अपने वायदे को पूरा कर सके. साथ ही उन्होंने कहा कि इस विमान का विनिर्माण भारत में होने पर इसकी लागत कम होगी और इससे इसकी दुनिया में मांग बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकरनेकहा था कि भारत, भारतीय वायुसेना के लिए देश में ही विकसित तेजस विमान के अलावा मेक इन इंडिया के माध्यम से कम से कम एक और विमान चुनेगा.

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