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आप ने कहा, दिल्लीवालों को दिक्कत है,तो उपराज्यपाल से करें शिकायत

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच जंग नयी नहीं है. अब दोनों के बीच की जंग निर्णायक मोड़ पर आ गयी है. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन […]

नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच जंग नयी नहीं है. अब दोनों के बीच की जंग निर्णायक मोड़ पर आ गयी है. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन दोनों की तकरार का फाइनल नतीजा आ जायेगा.

हाईकोर्ट के फैसले के पहले ही सुप्रीम कोर्ट चली गयी थी दिल्ली सरकार
नजीब जंग और दिल्ली सरकार के बीच जारी विवाद को लेकर दिल्ली सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है पहले आप उसका फैसला सुन लीजिए फिर भी असंतुष्ट हों तो अपील कीजिए. अब दिल्ली सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
कौन है दिल्ली का प्रमुख ?
दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. ऐसे में केंद्र की इस राज्य में अहम भागेदारी है. दिल्ली सरकार उपराज्यपाल पर आरोप लगाती रही है कि केंद्र के इशारे पर उनके कई फैसले को नजरअंदाज किया जा रहा है. अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप प्रवक्ता आशुतोष समेत पार्टी एक ही सवाल पूछ रही है कि अगर उपराज्यपाल ही मुखिया है तो फिर चुनाव करके लोकतांत्रित तरीके से मुख्यमंत्री क्यों चुना जाता है. कल मनीष सिसोदिया ने कहा, हमारी लड़ाई पावर के लिए नही है हमारी लड़ाई लोकतंत्र के लिए है. जनता के चुने हुए लोगों के हिसाब से काम होगा की सत्ता किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में रहेगी जो किसी के इशारे पर काम करता हो.
आप ने कहा, अगर दिल्लीवालों को परेशानी हो तो राज्यपाल से करें शिकायत
राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के पास अगर नागरिक सुविधाओं को लेकर कोई मुद्दा है तो वे उपराज्यपाल नजीब जंग का दरवाजा खटखटा सकते हैं क्योंकि शक्तियां तो उनके ही हाथों में समाहित हैं. पार्टी ने सीएनजी फिटनेस घोटाले, डीडीसीए में अनियमितताओं और रिलायंस के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कथित निष्क्रियता को जंग पर हमला भी किया.आप नेता आशुतोष ने कहा, ‘‘आज से, मैं लोगों से अपील करता हूं कि यदि उनके पास बिजली और पानी संबंधी कोई मुद्दे हैं तो उन्हें उपराज्यपाल के पास जाना चाहिए क्योंकि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब सारी शक्तियां उनके पास ही हैं.’ इस बात पर बल देते हुए कि पार्टी उच्च न्यायालय के फैसले से नम्रतापूर्वक असहमत है, उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे परिदृश्य में मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल और निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका क्या होगी.
सुप्रीम कोर्ट से हमें भी मिलेगा इंसाफ
आम आदमी पार्टी ने उम्मीद जतायी कि ‘‘उच्चतम न्यायालय ने जिस तरह अरुणाचल प्रदेश (कांग्रेस सरकार को बहाल किया) के मामले में फैसला दिया, उसी तरह हमें वहां से इंसाफ मिलने की आस है. ‘ जंग को ‘घोटाले और घोटालेबाजों’ का अभिभावक करार देते हुए आप नेता ने सवाल यिका कि वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली जिला क्रिक्रेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में कितने बार तलब किए गए.
आप ने उपराज्यपाल से पूछा भ्रष्टाचार पर क्या हुई कार्रवाई
नजीब जंग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और एसीबी के भी प्रमुख हैं, हम जानना चाहते हैं कि डीएसएसी और सीएनजी फिटनेस घोटाले में क्या कार्रवाई की गयी। प्राथमिकी की स्थिति क्या है. हम जानना चाहते हैं कि जेटली के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गयी। कितने बार वह तलब किए गए?’ दिल्ली सरकार ने सीएनजी घोटाले और डीडीसीए घोटाले की जांच के लिए जांच आयोग बनाया था लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे यह कहते हुए अवैध करार दिया कि इसके लिए उपराज्यपाल की सहमति नहीं ली गयी.

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