सोमनाथ छापेमारी:अदालत नयी प्राथमिकी दर्ज करने के बारे में आज सुनाएगी आदेश
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत एक अन्य अफ्रीकी महिला की याचिका पर आज अपना आदेश सुनाएगी. इस महिला ने दिल्ली के विधि मंत्री सोमनाथ भारती के नेतृत्व में हाल में मध्य रात्रि के दौरान कथित तौर पर की गई छापेमारी के दौरान अपने साथ छेड़खानी किए जाने के आरोप में अज्ञात लोगों के […]
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नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत एक अन्य अफ्रीकी महिला की याचिका पर आज अपना आदेश सुनाएगी. इस महिला ने दिल्ली के विधि मंत्री सोमनाथ भारती के नेतृत्व में हाल में मध्य रात्रि के दौरान कथित तौर पर की गई छापेमारी के दौरान अपने साथ छेड़खानी किए जाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चेतना सिंह ने सुनवाई पूरी कर ली और आदेश आज सुनाने की घोषणा की. इससे पहले पुलिस उपायुक्त बी एस जायसवाल ने यह कहते हुए अलग प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया था कि उस महिला को उसी घटना से संबंधित पहली प्राथमिकी में गवाह बनाया गया है. डीसीपी की रिपोर्ट का यूगांडा की महिला के वकील राकेश सहरावत ने जोरदार विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘घटना वही है लेकिन शिकायतकर्ता भी घटना में पीड़ित है और 10 लोगों के समूह में से कुछ लोगों ने उसके साथ भी छेड़खानी की थी और इसलिए उसके शरीर पर अपराध अलग से किया गया.’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं कल आदेश सुनाउंगी.’’ इससे पहले पुलिस और शिकायतकर्ता दोनों के वकील ने अपना जवाब सौंपा. उनसे 25 जनवरी तक जवाब देने को कहा गया था. पुलिस ने 19 जनवरी को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मालवीय नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें आईपीसी की धारा 153-ए (वर्गों के बीच शत्रुता फैलाना), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 354 (महिला का शील भंग करना), धारा 509 (महिला के शील का अपमान करने की मंशा से कोई भी शब्द कहना या कोई भाव भंगिमा बनाना), धारा 506 (आपराधिक धमकी देना) और धारा 147 (दंगा करने) शामिल है.
प्राथमिकी यूगांडा की एक महिला की शिकायत पर अदालत के निर्देश के बाद दर्ज की गई थी. महिला ने 18 जनवरी को अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई थी. बाद में दूसरी अफ्रीकी महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर अलग प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी. उसने आरोप लगाया था कि समूह ने उसके साथ भी छेड़खानी की थी. दूसरी महिला ने दावा किया था कि समूह ने जबरन उसका हाथ पकड़ा और वे उसे उसकी बहनों के साथ घर से बाहर ले गए.