राज्यसभा में फिर उठा कश्मीर मुद्दा, मोदी को नबी ने बताया ‘खामोश तमाशाई”
नयी दिल्ली :कश्मीर में बीते एक महीने से जारी तनाव का मुद्दा आज राज्यसभा में दोबारा उठा.सदन में कांग्रेस ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इसे सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला केंद्र न माने.गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने सरकार को जगाने के लिए नोटिस दिया है. उन्होंने […]
नयी दिल्ली :कश्मीर में बीते एक महीने से जारी तनाव का मुद्दा आज राज्यसभा में दोबारा उठा.सदन में कांग्रेस ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इसे सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला केंद्र न माने.गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने सरकार को जगाने के लिए नोटिस दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार व खास तौर पर वजीर-ए-आजम खामोश तमाशाई की तरह तमाश देख रहे हैं.यहसबसे अफसोसनाक बात है. नबी ने कहा किआजादी के बाद 30 दिन तक कफ्र्यू लगा हो, आॅफिस व सचिवालय में उपस्थिति न के बराबर हो, ऐसा आजादी के बाद कभी नहीं हुआ है.
माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि कश्मीर समस्या के 30 दिन से अधिक हो गये, वार्ता से ही इस मुद्दे का समाधान हो सकता है. सरकार को इसके लिए पहल करनी चाहिए. वहीं, भाकपा के डी राजा ने कहा कि सरकार को कश्मीर मुद्दे पर राजनीतिक कदम उठाना चाहिए, उन्हें ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए. समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर ने कहा कि कश्मीर में 60 युवा मारे गये, सरकार इस मुद्दे पर कुछ पहल करेगी या नहीं? उन्होंने मांग उठाई कि इस पर सर्वदलीय बैठक बुलायी जाये. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह कश्मीर गये, लेकिन अच्छा होता कि वे कुछ और वरिष्ठ लोगों को अपने साथ वहां ले जाते.कश्मीर के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और सर्वदलीय टीम को कश्मीर भेजा जाए. मामले पर चर्चा की मांग को लेकर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार कश्मीर के मसले पर चर्चा के लिए तैयार है. इस मामले को लेकर सदन पहले भी चर्चा कर चुका है.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री गौरक्षकों को लेकर चिंतित हैं. मैं उन्हें राजस्थान में गौ माता को मारने वालों का पता बता रहा हूं क्या वे उनपर कार्रवाई करेंगे? उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमारे युवा मारे जा रहे हैं उनकी याद पीएम मोदी को नहीं आ रही हैं. पीएम मोदी के रविवार के बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि मुझे गोली मार दो लेकिन दलितों पर अत्याचार बंद करो. मैं कहता हूं कि अभी उन्हें गौमाता और दलितों की याद आ रही है क्योंकि गले में गुजरात फंसा हुआ है.उन्होंने कहा कि उन्हें वोट की चिंता है. इसलिए वे कह रहे है कि मुझे गोली मार दो. उन्हें कभी जम्मू-कश्मीर या रांची के अल्पसंख्यकों की याद क्यों नहीं आई ?
आपको बता दें कि आतंकी बुरहान के मारे जाने के 31 दिन के बाद भी कश्मीर में शांति कायम नहीं हो सका है जिससे पूरा विपक्ष चिंतित है.