इंफाल : मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) के खिलाफ करीब 16 साल से अनशन कर रहीं राज्य की ‘आयरन लेडी’ इरोम चानु शर्मिला को आज यहां की एक अदालत ने ‘पर्सनल रिकग्निशन बांड’ : पीआर बांड : पर हस्ताक्षर करने के बाद आज रिहा कर दिया.
हालांकि, रिहाई के आदेश के लंबित रहने के चलते जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अपने जेल वार्ड से 44 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता का बाहर निकलना अभी बाकी है.
अदालत अधिकारियों ने बताया कि अदालत जेल अधिकारियों को उनकी रिहाई की औपचारिकताएं आज ही पूरी करने के लिए आदेश जारी करेगी. शर्मिला इम्फाल पश्चिम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) लमखानपाउ तोनसिंग की अदालत में आज सुबह करीब 11 बजे पेश हुई थी और 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर उनकी जमानत मंजूर कर ली गयी. उन्होंने सीजेएम से उन्हें पीआर बांड पर रिहा करने का अनुरोध करते हुए अफ्सपा के खिलाफ अपना 16 साल लंबा अनशन तोड़ने का वादा किया, लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि रिहा होने के लिए अपना दोष कबूल करना ही उनके पास एकमात्र विकल्प है लेकिन वह इस पर राजी नहीं हुई. आखिरकार सीजेएम ने उन्हें ‘पीआर बांड’ पर हस्ताक्षर करने की इजाजत दे दी. अदालत कक्ष से बाहर निकलने पर उन्होंने दूसरे कमरे में मीडिया को संबोधित किया लेकिन वहां काफी भीड़-भाड़ और शोरगुल होने के चलते शर्मिला को पुलिस अस्पताल स्थित उनके जेल वार्ड ले गयी. पखवाड़ा भर पहले उन्होंने यह घोषणा की थी कि वह आज ही अपना अनशन तोड़ेंगी और राजनीति में शामिल होंगी तथा शादी भी करेंगी.
शर्मिला ने आज अदालत के बाहर मीडिया को बताया, ‘‘मैं पिछले 16 वर्षों से अनशन पर हूं और आज मैं अपना अनशन तोडूंगी. अब मैं एक अलग तरह से आंदोलन शुरू करना चाहती हूं.’ शर्मिला ने कहा, ‘‘राज्य के आगामी चुनाव में मणिपुर के मुख्यमंत्री के खिलाफ मैं चुनाव लड़ूंगी.’ उन्होंने कहा कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो वह अफ्सपा को निरस्त कर पाएंगी.
#WATCH: Irom Sharmila ends her fast after 16 years. She was on hunger strike, demanding repealing of AFSPA.https://t.co/ndGmoEuZu8
— ANI (@ANI) August 9, 2016