22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीर मुद्दे पर बोले नबी : कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत की बात करने के लिए वाजपेयी जैसा व्यक्तित्व चाहिए

02:35 PM :मैं सरकार से आग्रह करता हूं खुले दिमाग के साथ इस मुद्दे (कश्मीर अशांति) पर चर्चा के लिए सभी के विचारों को सुने. वहां विश्वास बहाल करना आवश्यक है. अगर वहां विश्‍वास की कमी है तो आपको वहां विश्‍वास का माहौल बनाना होगा : सीताराम येचुरी 02:20 PM :कश्‍मीर की समस्या के समाधान […]

02:35 PM :मैं सरकार से आग्रह करता हूं खुले दिमाग के साथ इस मुद्दे (कश्मीर अशांति) पर चर्चा के लिए सभी के विचारों को सुने. वहां विश्वास बहाल करना आवश्यक है. अगर वहां विश्‍वास की कमी है तो आपको वहां विश्‍वास का माहौल बनाना होगा : सीताराम येचुरी

02:20 PM :कश्‍मीर की समस्या के समाधान के लिए सरकार को गंभीरता से विचार करने के लिए कहना चाहता हूं. यह वास्तव में हम सभी के लिए एक घाव है : सीताराम येचुरी

12:57 PM :राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित.

12:50 PM :जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव ने कहा कि कश्मीर के लोग हमारे अपने लोग हैं.उनसेअपनेपनसे बात करनी चाहिए. वे अगर नाराज भी हो गये हैं, तो उनसे बात करनी चाहिए. उन्हें अपने साथ वापस लाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी ओर से जो भी सहयोग चाहिए होगा हम करेंगे.

12:15 PM :समाजवादी पार्टी के प्रो रामगोपाल यादव ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जबतक पाकिस्तान को दुरुस्त नहीं किया जायेगा, तब तक कश्मीर समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि वहां की सरकार उसी सुर में बोलती है, जिसमें पाकिस्तान की सेना चाहती है.

11:50 AM :कश्‍मीर में लड़ाई राष्‍ट्रवाद और अलगाववाद के बीच है : शमशेर सिंह मन्हास

11:45 AM :जम्मू का 500 किलोमीटर क्षेत्र पाकिस्तान से सटा हुआ है. हर दिन वहां पाकिस्तान की ओर से कुछ ना कुछ वारदात की जा सकती है : शमशेर सिंह मन्हास

11:40 AM :जम्मू की बात किये बिना कश्‍मीर की बात नहीं की जा सकती. जम्मू, कश्‍मीर और लद्दाख तीनों को मिलाकर पूरा जम्मू कश्‍मीर बनता है : शमशेर सिंह मन्हास

नयी दिल्ली : विपक्षी पार्टियों की मांग पर आज राज्यसभा में कश्‍मीर मुद्दे पर एक बार फिर चर्चा शुरू हुई है. चर्चा की शुरुआत विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने की. कश्‍मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा के प्रश्‍नकाल को रद्द कर दिया गया है. कांग्रेस के सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घेराबंदी करते हुए कहा कि वजीर-ए-आजम सदन चलने के दौरान हर दिन समय पर 10 बजे संसद परिसर स्थित अपने कमरे में पहुंच जाते हैं और शाम छह बजे तक रहते हैं. मैं रोज उनकी गाड़ी को आते देखता हूं. और, उनके कमरे से लोकसभा की दूरी महज कुछ सेकेंड की है, जबकि राज्यसभा मुश्किल से पौने मिनट की दूरी पर है, लेकिन ऐसा लगता है कि सेकेंडों की यह दूरी हजारों किलोमीटर की दूरी से अधिक बड़ी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कि मध्यप्रदेश आखिर कब से देश की राजधानी हो गयी है? ध्यान रहे कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश दौरे पर ही पहली बार कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया था और कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान वाजपेयी के सिद्धांतों के अनुरूप जम्हूरिय, इंसानियत और कश्मीरियत के आधार पर किया जायेगा.

गुलामनबी आजाद ने गृहमंत्री द्वारा कश्मीर पर चर्चा के लिए राजी होने को सार्थक पहल बताया. आजाद ने कश्‍मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा किसंसदपरिसर में रहने के बाद भीइस गंभीर मुद्दे पर वे सदन में आकर बयान क्यों नहीं देते.

आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कश्‍मीर के हालात जैसे गंभीर मुद्दे पर मध्‍य प्रदेश में बयान दिया. उन्होंने संसद में बयान देना जरूरी नहीं समझा. आजाद नेव्यंगात्मक अंदाज में कहा कि मध्‍य प्रदेश देश की राजधानी कब बन गयी? आजाद ने कहा कि कश्‍मीर को केवल उसकी सुंदरता के लिए नहीं याद किया जाना चाहिए.

आजाद ने कहा कि कश्‍मीर के रूप में हमारा ताज जल रहा है. इसकी तपन दिल तक ना सही सिर तक तो मिलती ही होगा. कश्‍मीरी आवाम को लेकर उन्होंने कहा कि उनके बारे में चिंता करनी चाहिए. आजाद ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आपका काम आग लगाना है. आप जहां भी कदम रखते हैं,वहां आग लग जाती है.

आजाद ने कहा 20-22 साल पहले से आतंकवादियों के उपद्रव के कारण जम्मू कश्‍मीर को शांत करने का काम केवल वहां की स्थानीय पुलिसकानहीं रह गया.पुलिस और अर्द्धसैनिक बल पर वहां शांति बहाल करने का जिम्मा है. उसका उपयोग सरकार सही ढंग से करे. आजाद ने कहा कि आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता.

गुलाम नबी आजाद नेवाजपेयी के उदाहरण का मोदी द्वारा उल्लेख किये जाने पर कहा कि कुछ चीजें वाजपेयी जी के मुंह से ही अच्छी लगती थीं. जैसे हमारे प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के मुंह से जो चीजें अच्छी लगती थीं, वो शायद मेरे मुंह से अच्छी न लगे. उन्होंने कहा कि वैसा व्यक्तित्व भी होना चाहिए.

आजाद के बोलने के क्रम में सदन में सत्तापक्ष के सांसदों ने आग लगने वालेउनकेबयान पर कड़ी आपत्ति जतायी.इसदौरान हस्तक्षेप करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्‍मीर आज एक संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है. हमें कश्‍मीर मुद्दे पर एक सुर में बात करनी चाहिए और इस पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें