पाकिस्तान को राजनाथ सिंह की ललकार, कश्मीर नहीं पाक अधिकृत कश्मीर पर करेंगे बात
नयी दिल्ली : कश्मीर पर अाज राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह नेकश्मीर की जनता के प्रति शांति की अपील की औरउनकेलिए सदन में ही एक संदेश पढ़कर सुनाया. सरकार के उक्त प्रस्ताव को सदन ने एक स्वर में स्वीकार किया. साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि 12 अगस्त […]
नयी दिल्ली : कश्मीर पर अाज राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह नेकश्मीर की जनता के प्रति शांति की अपील की औरउनकेलिए सदन में ही एक संदेश पढ़कर सुनाया. सरकार के उक्त प्रस्ताव को सदन ने एक स्वर में स्वीकार किया. साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि 12 अगस्त को कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होगी. यह बैठक दिन के 12 बजे होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे.
इसके साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह संकेत दिया कि विपक्ष की मांग के अनुरूप कश्मीर राजनीतिक दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को भेजा जा सकता है.गृहमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर में आइएसआइ का झंडा फहराना और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना सहन नहीं किया जायेगा. राजनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान प्रायोजित है.राजनाथ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कश्मीर को अपने देश में शामिल करने के ख्वाबों पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि उनसे बात होगी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी.
चर्चा का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, हमारा दिल जितना बिहार, बंगाल,ओडिशाया दूसरे राज्यों के लिए धड़कता है उतना ही जम्मू कश्मीर के लिए धड़कता है. हर हिंदुस्तानी का दिल जम्मू कश्मीर के लिए भी धड़कता है. प्रधानमंत्री के बयान देने की मांग पर राजनाथ ने कहा, हमारी प्रधानमंत्री के साथ इस मामले में चर्चा होती है. हम अटल जी के कथन पर चल रहे हैं हम उनके सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अटल जी ने कहा था मासूम बच्चों के हाथ में पत्थर देखकर पीड़ा होती है.
राजनाथ सिंह ने कहा, जम्मू कश्मीर में लश्कर के तैयबा के आतंकी हैं. वो सुरक्षा बलों के परिवार वालों को धमका रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि जम्मू कश्मीर में हुई हिंसा या आज के माहौल का सिर्फ एक कारण बेरोजगारी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बयान दिया था कि उन्हें उस दिन का इंतजार है जब कश्मीर हमारा होगा. वह यूएन को भी पत्र लिख रहे हैं. सदन के विचार के आधार पर कहना चाहता हूं दुनिया की कोई ताकत जम्मू कश्मीर को हमसे नहीं छिन सकती. बात होगी तो कश्मीर पर नहीं होगी पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी.