बढ़ी कांग्रेस की मुश्किल,नाराज नेशनल कांफ्रेंस को मनाने में जुटी पार्टी

नयी दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में नई प्रशासनिक इकाइयां स्थापित करने के मुद्दे पर अपने गठबंधन सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के साथ जारी गतिरोध खत्म करने की कवायद के तहत कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार रात बैठक की. ऐसी खबरें थी कि यदि इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बात नहीं मानी गयी तो वह इस्तीफा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2014 5:57 AM

नयी दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में नई प्रशासनिक इकाइयां स्थापित करने के मुद्दे पर अपने गठबंधन सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के साथ जारी गतिरोध खत्म करने की कवायद के तहत कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार रात बैठक की. ऐसी खबरें थी कि यदि इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बात नहीं मानी गयी तो वह इस्तीफा दे सकते हैं.

बैठक के नतीजे के बारे में अभी पता नहीं चल सका. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में जम्मू-कश्मीर की प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी के आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज, उप-मुख्यमंत्री तारा चंद और जी एच मीर, जी ए मीर तथा रिग्जिन जोरा सहित राज्य में कांग्रेस के मंत्रियों ने शिरकत की. इस बीच, कल सोनी और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ बैठक करने वाले उमर मंगलवार को श्रीनगर लौट गए.

दो घंटे तक चली बैठक से बाहर आते हुए तारा चंद ने कहा, ‘‘राज्य से जुड़े विभिन्न मुददों पर चर्चा के लिए बुलाई गई यह नियमित बैठक थी.’’ नई प्रशासनिक इकाइयां बनाने को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के साथ गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर इस मुददे पर बनी कैबिनेट की उपसमिति के प्रमुख चंद ने कहा कि वह जल्द ही कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.उन्होंने कहा कि मुश्ताक गी समिति ने 700 नई प्रशासनिक इकाइयों की सिफारिश की है लेकिन यह आंकडा 2000 या इससे अधिक तक जा सकता है.

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