नयी दिल्ली : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर में जो भी हो रहा है वह पाक प्रायोजित है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर कभी भी पाकिस्तान से बात नहीं होगी, अगर बात होगी तो पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी. कश्मीर में हाल की हिंसा और अशांति के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि दुनिया की कोई ताकत जम्मू कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती. सरकार ने यह भी घोषणा की कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर 12 अगस्त को एक सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भाग लेंगे.
राज्यसभा में बुधवार को जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हुई चर्चा के बाद एक संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया. इसमें कश्मीर घाटी में अशांति, हिंसा और कर्फ्यू के प्रति गंभीर चिंता जताई गई तथा इन घटनाओं में मारे और घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना जताई गई. इसमें प्रतिबद्धता जताई गई है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
दुनिया की कोई भी ताकत हमसे कश्मीर नहीं छीन सकती
इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की हाल की घटनाओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वहां जो कुछ भी हो रहा है उन सबको पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है. जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के सुझाव को सिरे से नकारते हुए उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर ही बातचीत की जायेगी. गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिये कि जम्मू कश्मीर का कहीं और से हल निकल सकता है. उन्होंने कहा, ‘दुनिया की कोई ताकत हमसे जम्मू कश्मीर को अलग नहीं कर सकती.’
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी भी लेंगे भाग
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत के लिए 12 अगस्त को दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई जायेगी. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. बैठक में राज्य की स्थिति के बारे में विभिन्न दलों के साथ विस्तार से चर्चा की जायेगी. राजनाथ ने कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराये जाने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर गहरी आपत्ति जताते हुए राज्य के युवाओं से कहा, ‘भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा.’ उन्होंने कहा कि आईएसआईएस इस्लाम में यकीन रखने वालों का ही सर कलम कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस्लाम कभी इस बात की इजाजत नहीं देता कि किसी के सर को कलम किया जाये. चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों द्वारा जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजकर बातचीत करने के सुझाव पर गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है. स्वयं उन्होंने 23-24 जुलाई को श्रीनगर एवं अनंतनाम में जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी. सिंह ने कहा कि जहां तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेजकर वहां चर्चा कराये जाने की बात है उसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करनी पडेगी. इसके बारे में वह राज्य की मुख्यमंत्री से भी बातचीत करेंगे.
पैलेट गन का प्रयोग बंद करने की मांग
चर्चा के दौरान कई सदस्यों द्वारा ‘पैलेट गन’ का प्रयोग बंद करने के सुझाव पर राजनाथ ने कहा कि सुरक्षा बलों को पहले ही यह निर्देश दे दिया गया है कि वे अधिकतम संयम से काम लें. गैर घातक उपायों पर विचार के लिए एक समिति बनाई गई है और उसे दो माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हमें जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की समस्याओं को भी समझना होगा. उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तोइबा के लोगों ने सुरक्षा अधिकारियों के परिवारों को भी धमकी दी है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अशांति के दौरान 4515 सुरक्षाकर्मी और 3,356 नागरिक घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकों से अधिक सुरक्षाकर्मियों का घायल होना साबित करता है कि सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग के बारे में काफी संयम बरता जा रहा है.
पूरी घाटी में नहीं लगा है कर्फ्यू : राजनाथ
गृहमंत्री ने इस बात को गलत बताया कि पूरी कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगाया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू को उठाया जाता है. उन्होंने कहा कि अलगाववादियों ने नौ जुलाई से हडताल का आह्वान कर रखा है. घाटी के बहुत सारे बाजारों में लोगों ने अपनी दुकानें भय के कारण बंद कर रखी हैं. गृहमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा कर्फ्यू की स्थिति में राज्य के लोगों को चीनी, दूध, रसोई गैस, पेट्रोल आदि की आपूर्ति के आंकडे भी दिये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि कर्फ्यू के कारण लोगों को आवश्यक सामान की आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं हो.
सदन में सर्वसम्मति से पारित हुआ शांति का संकल्प
गृहमंत्री के जवाब के बाद सदन ने एक संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया. इसमें कहा गया है. ‘यह सदन कश्मीर घाटी में लंबी अशांति, हिंसा एवं कर्फ्यू पर गहरी चिंता व्यक्त करता है. सदन बिगडती स्थिति के कारण लोगों की जान जाने और गंभीर रूप से घायल होने पर गहरा क्षोभ एवं चिंता जताता है.’ इसमें कहा गया, ‘सदन का यह दृढ एवं सुविचारित मत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता तथा लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के मकसद से शांति एवं व्यवस्था कायम करने के लिए फौरन कदम उठाये जाने की जररत है. सदन जम्मू कश्मीर में समाज के सभी वर्गो से सामान्य स्थिति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए गंभीर अपील करता है.’ इसमें कहा गया, ‘सदन आम लोगों विशेषकर युवाओं में विश्वास बहाली के बारे में सर्वसम्मति से संकल्प करता है.’