दलित मुद्दे पर उदित राज ने मायावती को घेरा कहा, वो ठेकेदार हो गयीं हैं

नयी दिल्ली : आज लोकसभा मेंदलित उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा हुई. चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ उदित राज ने बसपा प्रमुख मायावती पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती दलितों के नाम पर राजनीति तो करती हैं लेकिन उनके कार्यकाल में दलितों पर हमले होते रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 4:27 PM

नयी दिल्ली : आज लोकसभा मेंदलित उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा हुई. चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ उदित राज ने बसपा प्रमुख मायावती पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती दलितों के नाम पर राजनीति तो करती हैं लेकिन उनके कार्यकाल में दलितों पर हमले होते रहे हैं. दलितों को मिलने वाले लाभ भी उनके कार्यकाल में कम हुए हैं. आरक्षण में पदोन्नति का लाभ दलितो को नहीं मिला.

दलित उत्पीड़न पर चिंता जताते हुए उदित राज ने कहा अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि इस तरह की समस्या का अंत हो. शिक्षा में सुधार पर विचार किया जाना चाहिए. आरक्षण की चर्चा करते हुए उदित राज ने कहा, आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिला, लोकसभा और विधानसभा में भी दरवाजे बंद है अगर आरक्षण नहीं है, 70 साल जिन्होंने राज किया जवाबदेह तो उन्हें होना चाहिए.

सरकार का बचाव करते हुए उदित राज ने कहा, आरोप लगाना कि गुजरात में ज्यादा घटनाएं हुई गलत है, कानपुर, पटना, समेत कई ऐसे जगह हैं जहां दलितों पर अत्याचार सामने आये हैं. मैंने एक लेख लिखा है जिसमें पूछा है कि आखिर दलित की लड़ाई दलित ही क्यों लड़ता है. अब्राहम लिंकन अमेरिका के महान नेता था क्योंकि उन्होंने अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की. उदित राज ने कहा, हमें दलित मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा करनी होगी. कुछ लोगों ने गौ रक्षकों को ढाल बना कर रखा है. कुछ जानवर जो लाभदायक है उनकी सुरक्षा के लिए कानून संविधान में भी है.

भाजपा सरकार के पहले भी हुए है दलितों पर हमले
कुछ लोग ऐसे हैं जो इस पर भ्रम की स्थिति रखना चाहता है. कुछ लोग गाय की पूजा करते हैं. एक समय था जब दलितों को गोलियों से भून दिया जाता था. उदित राज ने कई घटनाओं का उल्लेख किया. जिसके जरिये उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि भाजपा राज से पहले भी दलितों पर अत्याचार हुए हैं. उदित राज ने कई ऐसे मामलों का जिक्र किया. उदित राज ने न्याय मिलने में हुई देरी को भी मुद्दा बनाते हुए कहा कि कई ऐसे मामले है. 1991 से लेकर 2002 तक के मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसके लिए कोई राजनीतिक पार्टी जिम्मेदार है.

Next Article

Exit mobile version