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संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जीएसटी रहा सरकार की बड़ी उपलब्धि

ये विधेयक हुए पास : भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेनदेन रोकथाम विधेयक 2015,कर्ज वसूल से संबंधित संशोधन विधेयक, कर्मचारी मुआवजा संशोधन विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक और कारखाना संशोधन विधेयक 2016,वस्तु एवं सेवा कर विधेयक. नयीदिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही […]

ये विधेयक हुए पास : भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेनदेन रोकथाम विधेयक 2015,कर्ज वसूल से संबंधित संशोधन विधेयक, कर्मचारी मुआवजा संशोधन विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक और कारखाना संशोधन विधेयक 2016,वस्तु एवं सेवा कर विधेयक.

नयीदिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दीगयी. इस मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक का पारित होना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही और सदन की 20 बैठकों में 121 घंटे कामकाज हुआ तथा जीएसटी समेत 13 विधेयक पारित हुए. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पूर्व मानसून सत्र में संपन्न कामकाज की जानकारी सदन के समक्ष रखी. उन्होंने बताया कि 16वीं लोकसभा का 9वां सत्र 18 जुलाई 2016 को शुरू हुआ और एक वर्तमान एवं कुछ पूर्व सांसदों के निधन पर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गयी. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण विधायी एवं वित्तीय कामकाज को पूरा किया गया. इस दौरान 2016-17 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों एवं संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया जिस पर 4 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई.

अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 13 विधेयक पारित हुए जिनमें भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेनदेन रोकथाम विधेयक 2015,कर्ज वसूल से संबंधित संशोधन विधेयक, कर्मचारी मुआवजा संशोधन विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक और कारखाना संशोधन विधेयक 2016 शामिल हैं. अध्यक्ष ने बताया कि सदन ने राज्यसभा की ओर से जीएसटी से संबंधित 122वें संविधान संशोधन विधेयक में किये गए संशोधनों को पारित किया और राज्यसभा के संशोधनों पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 400 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध थे जिसमें से 99 प्रश्नों के मौखित उत्तर दिये गए. यह प्रतिदिन के हिसाब से 4.95 प्रश्न होते हैं. शेष तारांकित प्रश्नों एवं 4600 अतारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर सभापटल पर रखे गए. सत्र के अंतिम दिन सदन ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया और वहां लंबे समय से जारी कर्फ्यू, हिंसा तथा लोगों के मारे जाने पर गंभीर चिंता प्रकट की गयी. प्रस्ताव में यह दृढ विचार व्यक्त किया गया कि भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता.

अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान रेलवे अभिसमय समिति की पहली रिपोर्ट के संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव को मंजूर किया गया जिस पर करीब चार घंटे चर्चा चली.

इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर दुष्यंत चौटाला के प्रस्ताव पर आधे घंट की चर्चा हुई और संबंधित मंत्री ने जवाब दिया. बैठक के दौरान सदस्यों ने देर तक बैठकर लोक महत्व के 618 विषयों को उठाया.

सदस्यों ने नियम 377 के तहत भी 367 विषय उठाये. सदन में स्थायी समिति की 32 रिपोर्ट भी पेश की गयी. अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान नियम 193 के तहत कश्मीर घाटी में हाल की हिंसा, मूल्य वृद्धि, टिकाउ विकास लक्ष्य और दलितों पर अत्याचार के विषय पर चर्चा हुई और तीन विषयों पर मंत्री ने जवाब दिया.

ध्यानाकर्षण में उठाये गये दो मुद्दे

इस सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से दो विषय उठाये गए जिसमें महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बांध बनाने से ओडिशा के हिराकुंड बांध में पानी का प्रवाह कथित तौर पर प्रभावित होने तथा देश में इन्सेफेलाइटिस का प्रभाव शामिल है. इस पर संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिया. सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मंत्रियों ने 42 बयान दिये और संसदीय कार्य मंत्री ने तीन बयान दिये. बैठक के दौरान सदन में मंत्रियों ने 907 कागजात सभा पटल पर पेश किये. सदन में सदस्यों ने 84 निजी विधेयक पेश किये. पांच अगस्त को सदन ने वैजयंत पांडा द्वारा 26 फरवरी 2016 को पेश उभयलिंगी के अधिकार संबंधी विधेयक पर चर्चा स्थगित कर दी गयी.

6 घंटे 33 मिनट हुए बर्बाद

सत्र के दौरान विन्सेंट एच पाला द्वारा संविधान की छठी अनुसूची के संशोधन के आशय वाला निजी विधेयक पेश किया गया. विधेयक पर चर्चा अधूरी रही. गैर सरकारी संकल्पों में एन के प्रेमचंद्रन द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि पेंशनभोगियों का कल्याण सुनिश्चित करने संबंधी 11 दिसंबर 2015 को पेश संकल्प पर 29 जुलाई 2016 को चर्चा आरंभ हुई जो अधूरी रही. अध्यक्ष ने कहा कि सत्र में व्यवधानों और बाध्य स्थगनों के कारण 6 घंटे 33 मिनट से अधिक का समय नष्ट हुआ. उन्होंने कहा कि सभा विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के 18 घंटे 5 मिनट देर तक बैठी. उन्होंने कहा कि भगवंत मान द्वारा सोशल मीडिया पर संसद परिसर के फुटेज को अपलोड करने से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की गई. लोकसभा अध्यक्ष ने सभा के कामकाज के सुचारु संचालन के लिए सभी का धन्यवाद दिया और स्वतंत्रता दिवस के लिए सभी को बधाई दी.

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