आम आदमी पार्टी के अंधाधुंध प्रचार पर पैनल रखेगी नजर
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज तीन सदस्यीय एक समिति से सरकारी यह पता लगाने को कहा कि क्या वास्तव में आप सरकार ने सरकारी धन का दुरूपयोग कर इश्तहारों पर उसे खर्च किया. अदालत ने इस आशय के आरोप की छह महीने के अंदर जांच करने को कहा है. यह समिति उच्चतम न्यायालय […]
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज तीन सदस्यीय एक समिति से सरकारी यह पता लगाने को कहा कि क्या वास्तव में आप सरकार ने सरकारी धन का दुरूपयोग कर इश्तहारों पर उसे खर्च किया. अदालत ने इस आशय के आरोप की छह महीने के अंदर जांच करने को कहा है. यह समिति उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही नियुक्त की गयी थी.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (अजय माकन) की 10 मई, 2016 की शिकायत पर तीन सदस्यीय समिति दिशा निर्देश के अनुरुप विचार करेगी और यथाशीघ्र छह हफ्ते के अंदर फैसला करेगी. छह अप्रैल, 2016 को यह समिति गठित की गयी थी.’ अदालत का आदेश माकन की याचिका समेत चार जनहित याचिकाओं पर आया है जिनमें आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार सत्तारुढ अरविंद केजरीवाल एवं उनकी आम आदमी पार्टी का प्रचार करने के लिए अखबारों, टेलीविजन और रेडियो पर राजनीति से प्रेरित इश्तहार देकर दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रही है तथा सरकारी धन का मद बदल कर सत्तारुढ दल एवं उसके नेताओं के प्रचार प्रसार पर लगाकर अवांछित एवं अनैतिक व्यय कर रही है.
माकन की अर्जी का निस्तारण करते हुए पीठ ने स्पष्ट किया कि अन्य याचिकाकर्ता भी समिति से अपनी शिकायत कर सकते हैं. इससे पहले माकन के वकील अमन पंवार ने अदालत से कहा था कि केवल राज्य सरकारें ही अपनी समिति नियुक्त कर सकती है जबकि केंद्रशासित प्रदेशों के इश्तहारों का विनियमन केंद्र सरकार की समिति ही करेगी