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देश के 10 शहरों में स्मार्ट गंगा सिटी कार्यक्रम पेश

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और उमा भारती ने आज संयुक्त रुप से गंगा नदी के तट पर स्थित 10 शहरों में ‘स्मार्ट गंगा सिटी’ कार्यक्रम पेश किया. इन शहरों में जलमल शोधन संयंत्र एवं जल निकासी नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर पहल की जायेगी. […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और उमा भारती ने आज संयुक्त रुप से गंगा नदी के तट पर स्थित 10 शहरों में ‘स्मार्ट गंगा सिटी’ कार्यक्रम पेश किया. इन शहरों में जलमल शोधन संयंत्र एवं जल निकासी नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर पहल की जायेगी.

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इसे पेश किया और इसमें संबंधित शहरों के मजिस्ट्रेट, मेयर भी उनके साथ जुडे. यह कार्यक्रम पहले चरण के तहत हरिद्वार, रिषीकेश, मथुरा, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनउ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर में लागू किया जायेगा. उमा भारती ने गंगा तटीय राज्यों में जिला स्तर पर निगरानी समिति गठित करने का जिक्र किया.
उज्जैन से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उमा ने कहा, ‘‘रखरखाव ठीक ढंग से नहीं होने पर ये एसटीपी चार से पांच वर्ष में खराब हो सकते हैं. इसलिए हमने पीपीपी पर हाइब्रिड एन्यूटी प्रारुप को अपनाया है जो लम्बी अवधि के लिए काम करेगा और पानी का पुनर्चक्रण किया जायेगा. ”
हाइब्रिड एन्यूटी माडल के तहत निर्माण से जुडे कार्यो के माध्यम से सरकार निवेश राशि के एक हिस्सा :40 प्रतिशत तक: का भुगतान करेगी और शेष राशि 20 वर्षो की अवधि में देय होगी. मंत्री ने कहा कि पूर्व की योजना में केंद्र और राज्यों को जलमल शोधन संयंत्र स्थापित करने का 70 प्रतिशत खर्च वहन करना था.
अब कार्यक्रम पूरी तरह से केंद्र प्रायोजित होगा. उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल के पुनर्चक्रण के लिए अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के साथ एमओयू करेगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्ट गंगा कार्यक्रम का दायरा बढायेगी और इसमें आगरा को भी शामिल किया जायेगा. उमा ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के आधार पर काम करने आगे आई हैं .

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