नयी दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हजारों सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों ने देश की राजधानी के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए रखी. यह सुरक्षा व्यवस्था लालकिले और इसके आसपास के इलाकों में विशेष तौर पर देखने को मिली, जहां प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश के नाम अपना संबोधन दिया. मुगलकाल के इस ऐतिहासिक किले के अंदर और आसपास हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. इनमें दिल्ली पुलिस के 5000 जवान शामिल थे. स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर यहां वरिष्ठ मंत्री, शीर्ष नौकरशाह, विदेशी पदाधिकारी और आमजन मौजूद थे. राजपथ पर भी बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. यहां सात दिवसीय सांस्कृतिक पर्व ‘भारत पर्व’ चल रहा है. नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक समेत सभी सरकारी इमारतों को सूर्यास्त के बाद रोशन किया जा रहा है.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि लाल किले पर, सुरक्षा घेरे की आंतरिक परतों की कमान एनएसजी स्नाइपर्स के एक विशेष दल और कमांडो के हाथ रही. ड्रोन या प्रोजेक्टाइल के जरिए किसी किस्म की हवाई घुसपैठ को रोकने के लिए विमान-रोधी बंदूकें तैनात की गई हैं. दिल्ली पुलिस ने 10 अक्तूबर तक के लिए शहर में पैराग्लाइडिंग, मानवरहित विमानों या गर्म हवा के गुब्बारों को उडाने समेत हवाई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. पुलिस लालकिले के आसपास के इलाकों में सर्वेक्षण कर रही है और उसने वहां रह रहे 9000 से ज्यादा लोगों की जानकारी जुटाई है.
लालकिले की ओर मुंह रखने वाली इमारतों पर पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के जवानों तैनात किए गए हैं. जिस समय तक प्रधानमंत्री आयोजन स्थल पर मौजूद रहे, तब तक लालकिले के आसपास के मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी बंद रखी गई. अधिकारियों ने कहा कि लालकिले की ओर खुलने वाली 605 बालकनियों और 104 खिडकियों पर करीबी नजर बनाए रखने के लिए पैनोरैमिक फोटोग्राफी का इस्तेमाल किया गया.
सुरक्षा एजेंसियों ने क्षेत्र के 3000 से ज्यादा पेडों को भी चिन्हित किया था. लालकिले पर आयोजित हुए कार्यक्रम पर करीबी नजर बनाए रखने के लिए सेना और एनएसजी अधिकारियों ने एक विशेष संचार एवं निर्देश केंद्र बनाया. प्रधानमंत्री के काफिले ने 7 आरसीआर से लालकिले तक जो रास्ता लिया, उसकी निगरानी सैंकडों सीसीटीवी कैमरों की मदद से की गई. 200 सीसीटीवी कैमरों के अलावा दो हाई-मैस्ट, हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरों ने लालकिले के परिसर पर कडी नजर बनाए रखी. इनका संचालन तीन नियंत्रण कक्षों की मदद से किया जा रहा था.
दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के विशेष स्पॉटर्स ने पार्किंग क्षेत्र पर नजर बनाए रखी. अर्द्धसैन्य बलों और दिल्ली पुलिस के 60 से ज्यादा खोजी कुत्तों को भी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाया गया. सुरक्षा के प्रारंभिक प्रबंध जुलाई में कर लिए गए थे और वरिष्ठ पुलिस एवं खुफिया अधिकारी किसी भी कमी या खामी को दूर करने के लिए नियमित रूप से जानकारी को अद्यतन करते रहे.