श्रीनगर : बंदूक के रास्ते किसी तरह का हल नहीं निकल सकता है, इस बात पर जोर देते हुए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज उम्मीद जताई कि राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरुर पूरा करेंगे। उन्होंने इन समस्याओं के बने रहने के लिए जवाहरलाल नेहरु की सरकार से लेकर बाद की सभी केंद्र सरकारों को दोष दिया. स्वतंत्रता दिवस के अपने पहले संबोधन में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हिंसा में शामिल युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वे खूबसूरत घाटी को एक और सीरिया या अफगानिस्तान बनने से रोकें और उन ‘निहित स्वार्थी’ तत्वों से भ्रमित नहीं हो जो कश्मीर को हमेशा जलता रहने देना चाहते हैं.
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद राज्य में महीने भर से अशांत हालात की गवाह बनी घाटी को लेकर महबूबा ने हिंसा में शामिल लोगों पर सवाल उठाया और कहा कि भारत जैसे महान लोकतंत्र में बातचीत के जरिए कोई भी हल निकल सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनने जैसे दुष्प्रचार पूरी तरह गलत हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि वे उन्हें अपनी उन योजनाओं और कार्यक्रमों पर काम करने के लिए वक्त दें जो उन्होंने राज्य की शांति और प्रगति के लिए तैयार की हैं.
महबूबा ने कहा कि समस्याओं और शिकायतों का समाधान निकालने के लिए बातचीत के अलावा और कोई तरीका नहीं है. उन्होंने कहा, ‘बंदूक से हल नहीं निकल सकता. बंदूकों के बल पर कभी भी कोई हल नहीं निकला है.’ उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोग बुरे नहीं हैं और न ही भारत बुरा है. चुनाव को लेकर कुछ गलतियां जरुर हुई हैं. यह जवाहरलाल नेहरु से लेकर आज तक के नेतृत्व और पार्टियों की गलती है.’