अर्थशास्त्र की पढ़ाई के बाद विकल्पों की भरमार

– अर्थशास्त्र से स्नातक कर किन-किन क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है? – राकेश कुमार अर्थशास्त्र ग्रेजुएशन एक बहुत ही प्रचलित कोर्स माना जाता है, क्योंकि इसमें बहुत से कैरियर विकल्प हैं. बीए (ऑनर्स) कोर्स आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स के साथ इकोनॉमिक थ्योरीज अौर प्रिंसिपल्स का मजबूत आधार देता है. लेकिन इकोनॉमिक्स का बिजनेस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2016 6:02 AM
– अर्थशास्त्र से स्नातक कर किन-किन क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है?
– राकेश कुमार
अर्थशास्त्र ग्रेजुएशन एक बहुत ही प्रचलित कोर्स माना जाता है, क्योंकि इसमें बहुत से कैरियर विकल्प हैं. बीए (ऑनर्स) कोर्स आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स के साथ इकोनॉमिक थ्योरीज अौर प्रिंसिपल्स का मजबूत आधार देता है. लेकिन इकोनॉमिक्स का बिजनेस के साथ संबंध और प्रबंधकीय स्थिति की समझ कुछ अनुभव हो जाने के बाद आती है. आपकी जाॅब में आपको इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की स्थिति और बाहरी कारणों के प्रभावों का विश्लेषण करना होता है, चाहे आप गवर्नमेंट जॉब में हों या प्राइवेट में.
आप चाहें, तो यूपीएससी द्वारा आयोजित होनेवाली परीक्षाओं को पास कर सरकारी नौकरी सकते हैं. आप वित्तीय संस्थाओं, एमएनसी आदि में भी जॉब पा सकते हैं. जर्नलिज्म भी एक विकल्प है. अर्थशास्त्र में एमए, पीएचडी कर और नेट क्लीयर कर के टीचिंग के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा जा सकता है.
– मैं मैथ्स से इंटर कर रहा हूं और रेलवे में जाॅब करना चाहता हूं, मेरे लिए सामान्य स्नातक और बीटेक में से कौन सा कोर्स करना बेहतर होगा?
– राकेश
बीटेक या बीए दो अलग तरह के कोर्स हैं. दोनों की अलग पहचान है. यदि आपकी दिलचस्पी टेक्निकल क्षेत्र में है, तो बीटेक करें. इसमें ज्यादा जॉब के मौके उपलब्ध हैं और रेलवे के अलावा भी कई विकल्प हैं. बीए के बाद भी रेलवे और उसके अतिरिक्त भी कई विकल्प हैं. लेकिन मेरी राय में आप अपनी रुचि के अनुसार अपने कोर्स का चयन करें, अन्यथा आगे मुश्किल होगी.
– मैं ग्रेजुएशन कर रहा हूं और जज बनना चाहता हूं. इसके लिए मुझे ग्रेजुएशन के बाद क्या करना चाहिए. मेरी कम्यूनिकेशन स्किल कमजोर है, इसे कैसे बेहतर बनाऊं, कृपया इस बारे में भी बताएं?
– शादाब उल हक
हमारे देश में जज का पद बहुत ही सम्मानीय है. इस पद के लिए कम्यूनिकेशन स्किल से ज्यादा निर्णय लेने की क्षमता की जरूरत होती है.
इसके साथ एक अच्छा श्रोता होना भी जरूरी है. एक जज की देश की तरक्की में बहुत बड़ी भूमिका होती है, इसलिए धैर्य, दया, आत्मविश्वास, दबाव में कार्य करने की क्षमता, तार्किक विचार, विश्लेषणात्मक, निर्णय लेने की क्षमता, बहस करने का कौशल, मामलों को समझने के लिए तेज दिमाग, ईमानदारी का होना जरूरी है. जज बनने के लिए आपको जूडिशियल सर्विस एग्जामिनेशन, जो कि पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित किया जाता है, उत्तीर्ण करना होगा.
इसमें भाग लेने के लिए आपके पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या संस्थान से लॉ की डिग्री और बार काउंसिल की मेंबरशिप होनी चाहिए. हर राज्य में इसके लिए अलग- अलग आयु सीमा भी है.
यह परीक्षा दो चरणों में होती है- ज्यूडिशियल सर्विस प्रिलिमनरी एग्जामिनेशन और जूडिशियल सर्विस मेन एग्जामिनेशन. प्रिलिमनरी एग्जाम में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते हैं. यह सिर्फ मेन एग्जाम के पहले शॉर्ट लिस्टिंग के काम आता है. इसके मार्क्स अागे काउंट नहीं किये जाते. फाइनल मेरिट लिस्ट मेन एग्जाम के कुल अंकों और इंटरव्यू के आधार पर बनती है. परीक्षा की विस्तृत जानकारी एवं पाठ्यक्रम के लिए राज्य की पीएससी वेबसाइट को देखना चाहिए.
– मैं अभी बीकॉम प्रथम वर्ष में हूं. 12वीं में मेरे 40 प्रतिशत अंक हैं. मेरी रुचि पढ़ाई से ज्यादा कंप्यूटर और इंटरनेट में हैं. मुझे भविष्य के लिए कोई बेहतर सुझाव दें?
-अमित कुमार
– मैं कंप्यूटर के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहता हूं, लेकिन मैंने इंटर में मैथ्स की बजाय बायोलॉजी ली है. मुझे क्या करना चाहिए और कंप्यूटर के कोर्स के बारे में भी बताएं?
अंकेश कुमार
आज के दौर में अगर आपके पास डिग्री नहीं है, लेकिन प्रतिभा, लगन और कुछ कर दिखाने का जज्बा है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं. आप ग्रेजुएशन के साथ कंप्यूटर में डिप्लोमा, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा या डिग्री (प्राइवेट) डिस्टेंस/ ऑनलाइन द्वारा कर सकते हैं. इसके अलावा आप अगर कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था कर सकते हैं, तो खुद ही बहुत कुछ सीख कर कैरियर बना सकते हैं. आज के दौर में, जब भारत सरकार डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप के साथ-साथ कई आर्थिक सहायता की स्कीम चला रही है, आप स्वयं या कुछ दोस्तों के साथ मिल कर अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं.
आपको अपने आप पर भरोसा कर के पक्के इरादे के साथ इसमें जुटना होगा. आज नहीं, तो कल सफलता मिलेगी ही. अगर आप कोशिश करने से पहले ही हार मान लेते हैं, तब तो हार निश्चित है. मैथ्स का अपना महत्व है, लेकिन बिना मैथ्स के भी कंप्यूटर के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं, क्योंकि पहले भी बहुत से लोग मैथ्स के बिना कंप्यूटर के क्षेत्र में नाम कमा चुके हैं.
– मैंने 2010 में 82.25 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी-आइटी किया है और दो वर्ष पीएचपी डेवलपर के तौर पर काम किया. इसके बाद अकाउंट्स डिपार्टमेंट में अस्थायी तौर पर बतौर डीइओ काम करते हुए अकाउंट्स में दिलचस्पी हो गयी. अब मैं इसी क्षेत्र में काम करना चाहता हूं, लेकिन मेरा बैकग्राउंड आइटी और साइंस है. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें?
– हरप्रीत सिंह
आपके पास अकाउंट्स एवं फाइनेंस के क्षेत्र में सफल हाेने और आगे बढ़ने के बहुत से साधन हैं.
आप सैप, ऑरकल, इनफॉर जैसे इआरपी के फाइनेंस मॉड्यूल का सर्टिफिकेशन कर के फंक्शनल कंसल्टेंट बन सकते हैं. आप इ-अकाउंटेंट का कोर्स कर के, टैली या अन्य फाइनेंशियल कोर्स करने के बाद भी फाइनेंस के क्षेत्र में नॉर्मल कैरियर बना
सकते हैं.
– मैंने एमसीए के लिए एनआइटी जमशेदपुर एवं बीएचयू के लिए क्वालीफाइ किया है. मुझे कहां एडमिशन लेना चाहिए, कौन सा कॉलेज बेस्ट प्लेसमेंट देता है?
– जया सिरवार
आपको दोनों में से किसी में भी एडमिशन मिले, तो अच्छा है क्योंकि दोनों ही देश के उच्च स्तरीय संस्थान हैं. आपको जहां सुविधा हो, वहां एडमिशन लेकर अच्छी तरह पढ़ाई के साथ-साथ कम्यूनिकेशन, सामान्य ज्ञान और व्यक्तित्व पर ध्यान देना होगा. इससे आपको अच्छा कैरियर बनाने में मदद होगी.

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