कश्मीर के विपक्षी दल जाएंगे राष्ट्रपति के द्वार, चाहते हैं जांच

श्रीनगर : कश्मीर के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कश्मीर के असल हालात से वाकिफ कराने का फैसला किया है और सुरक्षाकर्मियों द्वारा अत्यधित बल के कथित इस्तेमाल के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है. नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा के नेताओं के साथ ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2016 8:57 PM

श्रीनगर : कश्मीर के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कश्मीर के असल हालात से वाकिफ कराने का फैसला किया है और सुरक्षाकर्मियों द्वारा अत्यधित बल के कथित इस्तेमाल के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है.

नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा के नेताओं के साथ ही कुछ निर्दलियों की बैठक में हालात पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग उठायी गयी और विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेजने का फैसला किया गया ताकि सभी पक्षों के साथ वार्ता के लिए दबाव बनाया जाए.
उन्होंने जोर दिया कि कश्मीर में होने वाली हर गडबडी के लिए पाकिस्तान पर दोष मढना सही तरीका नहीं है.नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपने आवास पर बैठक के बाद कहा, ‘‘कश्मीर में असली जमीनी हालात से अवगत कराने के लिए हमने राष्ट्रपति से समय मांगने का फैसला किया है.” बैठक में जेकेपीसीसी प्रमुख जी ए मीर, माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, निर्दलीय विधायक हकीम मोहम्मद यासिन और शेख अब्दुल राशिद और पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर मौजूद थे.
उन्होंने कहा, ‘‘हम :केंद्र: सरकार को ऐसे कदम उठाने के लिए मनाएंगे जो घाटी में हालात सुधार में मददगार हों।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों से निपटने के दौरान अत्यधिक बल प्रयोग के आरोपों की उच्चतम न्यायाधीश के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की है.

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