आतंकवादी हमले में दो जवान और पुलिसकर्मी शहीद

श्रीनगर: कश्मीर में आज आतंकवादियों द्वारा सेना के एक काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए एवं तीन अन्य घायल हो गए जबकि घाटी में कुछ स्थानों पर कर्फ्यू एवं पाबंदियों के बीच स्थिति कमोबेश शांतिपूर्ण रही. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात करीब ढाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2016 10:18 PM

श्रीनगर: कश्मीर में आज आतंकवादियों द्वारा सेना के एक काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए एवं तीन अन्य घायल हो गए जबकि घाटी में कुछ स्थानों पर कर्फ्यू एवं पाबंदियों के बीच स्थिति कमोबेश शांतिपूर्ण रही. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात करीब ढाई बजे बारामूला जिले में ख्वाजाबाग इलाके में आतंकवादियों ने सैन्य काफिले पर हमला किया। हमले में दो सैनिक और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए जबकि दो सैनिक एवं एक पुलिसकर्मी घायल हो गए. हमलावरों की धरपकड के लिए व्यापक अभियान चलाया गया है लेकिन वे भागने में कामयाब हो गए.

इस बीच कश्मीर घाटी में लगातार 40 वें दिन सामान्य जनजीवन प्रभावित है जहां जारी अशांति में अभी तक 63 लोग मारे जा चुके हैं. एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आज पूरी कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रही।” उन्होंने बताया कि बारामूला जिले में सोपोर इलाके के वारपोरा तथा श्रीनगर में डल झील के ब्रीन निशात इलाके से पथराव की खबरे हैं. दोनों ही स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों ने पथराव करने वाले युवकों को भगा दिया. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.बडगाम जिले के मगाम इलाके में आज कर्फ्यू लगा दी गयी थी जहां कल सुरक्षाबलों की गोलीबारी में चार व्यक्तियों की जान चली गयी थी.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर जिले और अनंतनाग कस्बे में भी कर्फ्यू जारी है. घाटी के बाकी हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है. पुलिस ने नजरबंद का उल्लंघन करने और यहां संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजी ) कार्यालय तक मार्च निकालने की अलगाववादी हुर्रियत नेता मीरवायज उमर फारुक की कोशिश विफल कर दी.
श्रीनगर में भारी तादाद में सुरक्षा बलों को लगाया गया है तथा सोनावर में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजी) के स्थानीय कार्यालय की ओर जाने वाले सभी मार्गो को सील कर दिया गया था. अलगाववादी समूहों ने विश्व इकाई से कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप कर उसे सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय तक मार्च करने का आह्वान किया था.
अलगाववादियों द्वारा आहूत हडताल के कारण स्कूल, कालेज और निजी कार्यालय बंद रहे जबकि सरकारी वाहन सडकों पर नहीं दिखे. सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम रही। पूरी घाटी में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं निलंबित रहीं जबकि ब्राडबैंड सेवाएं शनिवार शाम से बंद कर दी गयीं. मोबाइल फोन सेवाएं उसी दिन देर रात से निलंबित कर दी गयीं.

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