रणथम्भौर की बाघिन ‘मछली” की मौत, मिला था लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

जयपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित राष्ट्रीय रणथम्भौर बाघ परियोजना में टी 16 नामक बाघिन ‘मछली’ ने आज दम तोड़ दिया. 19 साल से अधिक की ‘मछली’ पिछले एक सप्ताह से बीमार थी मछली विश्व की संभवत सबसे बुजुर्ग बाघिन थी. राष्ट्रीय रणथम्भौर बाघ परियोजना के निदेशक वाई के साहू ने यह जानकारी देते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 4:09 PM

जयपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित राष्ट्रीय रणथम्भौर बाघ परियोजना में टी 16 नामक बाघिन ‘मछली’ ने आज दम तोड़ दिया. 19 साल से अधिक की ‘मछली’ पिछले एक सप्ताह से बीमार थी मछली विश्व की संभवत सबसे बुजुर्ग बाघिन थी.

राष्ट्रीय रणथम्भौर बाघ परियोजना के निदेशक वाई के साहू ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 19 साल से अधिक की टी 16 नामक बाघिन एक सप्ताह से लम्बी उम्र से सम्बधित बीमारी से पीडित थी और उसकी आवाजाही भी सीमित स्थान तक थी.

शारीरीक रूप से दुर्बल हो चुकी इस बाघिन के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उन्होंने बताया कि टी 16 बाघिन के शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है बाद में उसके शव का अन्तिम संस्कार कर दिया जायेगा.

‘मछली’ का जन्‍म वर्ष 1997 में हुआ था. उनके माथे पर मछली जैसा चिह्न होने के कारण उसका नाम मछली रखा गया था. हर साल करोड़ों पर्यटक इस बाघिन को देखने आते थे और अपने कैमरों में उन्‍हें कैद कर लेते थे.

‘मछली’ की मौत से राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुधंरा राजे ने भी दुख प्रकट किया है. ये पहली ऐसी बाघिन है जिसे लाइफ टाइम अचीवमेन्ट समेत कई अवॉर्ड्स से नवाजा गया था. ‘मछली’ का जाना रणथम्भौर के लिए ऐतिहासिक नुकसान है.

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