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तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष ने द्रमुक विधायकों का निलंबन निरस्त करने से किया इनकार

चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल ने द्रमुक विधायकों का सामूहिक निलंबन निरस्त करने से आज इनकार कर दिया जबकि निलंबित सदस्योंे ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया एवं अंदर उनके साथियों ने इस मुद्दे पर बहिर्गमन किया. नौ अनिलंबित द्रमुक विधायकों में से सात ने कांग्रेस और आईयूएमएल सदस्यों के साथ मिलकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 9:31 PM

चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल ने द्रमुक विधायकों का सामूहिक निलंबन निरस्त करने से आज इनकार कर दिया जबकि निलंबित सदस्योंे ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया एवं अंदर उनके साथियों ने इस मुद्दे पर बहिर्गमन किया.

नौ अनिलंबित द्रमुक विधायकों में से सात ने कांग्रेस और आईयूएमएल सदस्यों के साथ मिलकर अध्यक्ष से कल निलंबित किए गए 80 द्रमुक सदस्यों पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया. ये नौ द्रमुक सदस्य कल सदन में उपस्थित नहीं थे.
धनपाल ने कहा कि इस मामले को प्रश्नकाल के बाद विचार के लिए लिया जाएगा, इस पर द्रमुक, कांग्रेस और आईयूएमएल ने विरोध में बहिर्गमन किया। हालांकि जल्द ही वे अपनी सीटों पर आ गए. धनपाल ने बाद में इस मुद्दे को लिया, तब कांग्रेस, द्रमुक एवं आईयूएमल सदस्यों ने अपना यह आग्रह दोहराया कि निलंबन वापस लिया जाए.
निलंबन के कारणों का जिक्र करते हुए अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे ऐसे बोल रहे हैं जैसे कार्रवाई मनमर्जी तरीके से की गयी हो. उन्होंने जो कुछ किया, वह सदन के रजिस्टर में रिकार्ड है और उसकी वीडियो रिकार्डिंग भी हुई है. यह कार्रवाई (निलंबन) की गयी क्योंकि कोई अन्य विकल्प नहीं था, अतएव इस पर पुनर्विचार का प्रश्न ही नहीं है. ” उन्होंने कहा कि सदन नियमों एवं विनियमों के अनुसार चल रहा है और वैसे ही चलाया जा सकता है. द्रमुक सदस्य सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे थे और वे उनका मजाक भी उडा रहे थे और उन्हें अनपयुक्त ढंग से संबोधित कर रहे थे, नियमों का पालन नहीं कर रहे थेे. बाद में द्रमुक सदस्यों ने सहयोगी कांग्रेस एवं आईयूएमएल के विधायकों के साथ मिलकर दूसरी बार सदन से बहिर्गमन किया.
इस बीच निलंबित द्रमुक विधायकों ने विपक्ष के नेता एम के स्टालिन की अगुवाई में सदन के बाहर प्रदर्शन किया. स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि संसद एवं अन्य विधानमंडलों की भांति इस विधानसभा की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण होना चाहिए.प्रदर्शनकारी विधायकों ने आरोप लगाया कि उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोका गया.
द्रमुक के विधायक सीवीएमपी एझिलारसन ने कहा कि पार्टी विधायकों को सचिवालय के भीतर उनके कक्षों में जाने की अनुमति नहीं दी गई. सचिवालय में ही विधानसभा स्थित है. स्टालिन को सदन के मार्शलों ने रोक दिया. उन्होंने सदन की ओर जाने वाले सभी प्रवेश बिंदुओं को भी बंद कर दिया. प्रवेश नहीं मिलने पर स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक विधायक धरने पर बैठ गए. इस बीच सचिवालय में सुरक्षा बढा दी गई.सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के एक सदस्य द्वारा स्टालिन का उपहास उडाते हुए की गयी टिप्पणी को लेकर द्रमुक सदस्यों ने सदन में कल हंगामा किया था जिसके चलते सभी द्रमुक सदस्यों को निलंबित करके सदन से बाहर कर दिया गया था.
विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने विधानसभा के मार्शलों को द्रमुक के सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया था. इससे पहले विपक्ष के सदस्य खडे हो कर टिप्पणियों को रिकॉर्ड से निकाल देने की मांग कर रहे थे लेकिन अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और उनसे सदन को सुचारु रुप से चलाने में सहयोग करने को कहा. बाद में द्रमुक के सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के संबंध में सरकार की ओर से एक प्रस्ताव लाया गया जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

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