भगवंत मान मामले की जांच कर रहे पैनल की अवधि फिर बढाई गई

नयी दिल्ली : भगवंत मान द्वारा संसद भवन की वीडियोग्राफी किए जाने के मुद्दे की जांच कर रहे लोकसभा पैनल की अवधि नवंबर के अंत तक के लिए बढा दी गई है. पैनल के अध्यक्ष किरीट सोमैया ने आज कहा, ‘अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भगवंत मान के आचरण संबंधी जांच के लिए गठित समिति की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 12:59 PM

नयी दिल्ली : भगवंत मान द्वारा संसद भवन की वीडियोग्राफी किए जाने के मुद्दे की जांच कर रहे लोकसभा पैनल की अवधि नवंबर के अंत तक के लिए बढा दी गई है. पैनल के अध्यक्ष किरीट सोमैया ने आज कहा, ‘अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भगवंत मान के आचरण संबंधी जांच के लिए गठित समिति की अवधि शीत सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक के लिए बढा दी है.’ संसद का शीत सत्र आम तौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है. इस माह की शुरुआत में इस पैनल को दो सप्ताह का विस्तार दिया गया था और इसने कल अपनी रिपोर्ट देनी थी. आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान वीडियो बनाते हुए जिस द्वार से होकर उच्च सुरक्षा क्षेत्र में दाखिल हुए थे, पैनल ने उस द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की पिछले सप्ताह बात सुनी थी.

इन सुरक्षाकर्मियों को बुलाने के पीछे का उद्देश्य यह पता लगाना था कि सुरक्षा तंत्र में कहीं किसी किस्म की खामी तो नहीं थी और जिस दिन आप सांसद परिसर में घुसे थे, उस दिन असल में हुआ क्या था? सोमैया ने पहले कहा था कि समिति अपनी रिपोर्ट दो हिस्सों में दायर करेगी- एक रिपोर्ट संसद की सुरक्षा के का खुलासा करने में भगवंत मान की भूमिका के बारे में होगी और दूसरी रिपोर्ट सुधारात्मक उपाय बताने वाली होगी. नौ सदस्यों वाली इस समिति का गठन उस घटना की जांच के लिए किया गया था, जिसे कई लोगों ने संसद भवन परिसर की सुरक्षा का ‘गंभीर उल्लंघन’ करार दिया था.

कई सांसदों ने संसद भवन परिसर की वीडियोग्राफी करने और इसकी ‘संवेदनशील फुटेज’ को सोशल मीडिया पर डालने संबंधी भगवंत मान के ‘अनुचित आचरण’ पर सवाल उठाए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने संगरुर से ‘आप’ के सांसद भगवंत मान से कहा था कि जब तक इस मामले में फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह सदन की बैठकों में हिस्सा न लें. सोमैया के अलावा, पैनल में भाजपा के दो सदस्य- मीनाक्षी लेखी और सत्यपाल सिंह भी हैं. अन्य सदस्य आनंदराव अडसुल (शिवसेना), बी महताब (बीजद), रत्ना डे (तृणमूल), थोटा नरसिम्हन (तेदेपा), के सी वेणुगोपाल (कांग्रेस) और पी वेणुगोपाल (अन्नाद्रमुक) हैं.

समिति को भगवंत मान के आचरण और संसद एवं उसके भीतर की यात्रा का सीधा प्रसारण दिखाने के उनके कृत्य की जांच का काम सौंपा गया है. इसके साथ ही समिति सुरक्षा पर पडने वाले गंभीर प्रभावों की जांच करेगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उपाय भी बताएगी. इस घटना के बाद भी मान लगातार यह कहते रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उनका इरादा लोगों को संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देना था.

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