भोपाल : अब हिंदी माध्यम से होगी अंग्रेजी की पढ़ाई

भोपाल: रूस, इस्राइल, चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी और दुनिया के अन्य देशों की तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल की स्वभाषा में शिक्षा के महत्व को देखते हुए मध्यप्रदेश के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने चालू सत्र से विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग पढाने की पेशकश की है. विवि ने फिलहाल मैकेनिकल, सिविल, और इलेक्ट्रिकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 3:06 PM

भोपाल: रूस, इस्राइल, चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी और दुनिया के अन्य देशों की तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल की स्वभाषा में शिक्षा के महत्व को देखते हुए मध्यप्रदेश के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने चालू सत्र से विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग पढाने की पेशकश की है. विवि ने फिलहाल मैकेनिकल, सिविल, और इलेक्ट्रिकल शाखा में अभियांत्रिकी :इंजीनियरिंग: की डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए हैं.

कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने आज ‘ को बताया कि विश्वविद्यालय ने चालू शिक्षा सत्र से हिन्दी में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पूरी तैयारी के साथ शुरु कर दिया है तथा मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल शाखाओं में डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश प्रक्रिया जारी है.” उन्होंने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम हिन्दी माध्यम में कक्षाएं शुरू कर देंगे.
पाठ्यक्रम के लिए हिंदी माध्यम से पढाई करने के लिए अब तक प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि 31 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जिसके बाद हम चालू सत्र में हिन्दी माध्यम से पढाई शुरु कर देंगे फिर चाहे इसमें केवल एक ही विद्यार्थी क्यों न हो. ‘ उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि लगभग 250 साल से इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा पर अंग्रेजी माध्यम का कब्जा रहा है और इसमें अब हिन्दी माध्यम का विकल्प उपलब्ध कराने का यह प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जायेगी. ‘ उन्होंने कहा कि कुछ मुल्कों को छोड़ दिया जाये तो रुस, इस्राइल, चीन, जापान, कोरिया, और जर्मनी सहित दुनिया के अन्य देशों में इन पाठ्यक्रमों की शिक्षा इन देशों की स्वभाषा में दी जाती है और ये सभी देश तरक्की कर रहे हैं
छीपा ने कहा, ‘‘हम इस धारणा को बदलना चाहते हैं कि तरक्की केवल अंग्रेजी से ही हो सकती है.” उन्हांेने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हिन्दी के प्रसिद्ध विद्वान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बना यह विश्वविद्यालय आवश्यक तकनीकी विषयों के पाठ्यक्रम हिन्दी माध्यम में विकसित करने का कार्य कर रहा है.उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय फिलहाल भोपाल के मिन्टो हाल :पुराने विधानसभा भवन: में कार्य कर रहा है और 50 एकड क्षेत्र में इसका अपना परिसर निर्माणाधीन है. इंजीनियरिंग में हिन्दी माध्यम के पाठ्यक्रम फिलहाल भोज खुला विश्वविद्यालय परिसर में शुरू किये गये हैं तथा संस्थान का अपना परिसर निर्मित होने के बाद वहां स्थानांतरित किये जायेंगे.
उन्होंने बताया कि अभियांत्रिकी की तीन शाखाओं मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल में बीई डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रत्येक में 30-30 स्थान हैं. इस प्रकार तीन शाखाओं में कुल 180 विद्यार्थियों को हिन्दी में अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम पढाया जा सकेगा। उन्होंने कहा इस हेतु गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र सहित पांच संकायों की व्यवस्था की गई है.
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना 19 जून 2011 में की गई थी तथा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 6 जून 2013 में भोपाल के निकट मुगलिया कोट गांव में विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया था.

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