सतत विकास लक्ष्यों की सफलता ब्रिक्स देशों पर निर्भर : सुमित्रा महाजन
जयपुर : लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आज ब्रिक्स के सदस्य देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – से अपील की कि वे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सफल क्रियान्वयन के लिए एकजुटता दिखाएं. महाजन ने कहा कि एसडीजी की सफलता प्रमुख रूप से इस पर निर्भर करेगी कि इन देशों में […]
जयपुर : लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आज ब्रिक्स के सदस्य देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – से अपील की कि वे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के सफल क्रियान्वयन के लिए एकजुटता दिखाएं. महाजन ने कहा कि एसडीजी की सफलता प्रमुख रूप से इस पर निर्भर करेगी कि इन देशों में इसके कैसे नतीजे सामने आते हैं. ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के फोरम की एक बैठक के उद्घाटन संबोधन में यहां महाजन ने कहा कि भारत का विकास एजेंडा एसडीजी में नजर आता है और देश ने गरीबों को सशक्त बनाकर गरीबी हटाने का रास्ता चुना है.
महाजन ने कहा, ‘‘हमने गरीबों को सशक्त बनाकर गरीबी हटाने की राह चुनी है. समावेशीकरण और सामाजिक तरक्की को बढावा देने के लिए भारत ने कई पहलें शुरू की हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिक्स देशों की कुल आबादी दुनिया की जनसंख्या की 43 फीसदी है और उनकी कुल जीडीपी विश्व की जीडीपी की 37 फीसदी है. एसडीजी की सफलता प्रमुख रूप से ब्रिक्स देशों में इनके सफल क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी.’ स्पीकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच सहकारी तंत्र को मजबूत करने पर भी जोर दिया. महाजन ने कहा, ‘‘एसडीजी का क्रियान्वयन तभी सफल होगा जब हम एकजुटता दिखाएंगे. वैश्विक चिंता के मुद्दों के बाबत अपनी स्थिति, खासकर एसडीजी के संदर्भ में, का फायदा उठाने के लिए ब्रिक्स देशों को सहकारी तंत्र को मजबूत बनाने और सदस्य देशों की जरुरतें पूरी करने के लिए नवोन्मेषी संस्थागत तौर-तरीके इजाद करने की जरुरत है.’
महाजन ने कहा कि ब्रिक्स देशों की ओर से की गयी न्यू डेवलपमेंट बैंक :एनडीबी: की स्थापना उभरती एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में आधारभूत संरचना एवं सतत विकास संसाधनों में निवेश में भारी अंतर को पाटने में काफी अहम साबित होगी. सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों की भूमिका स्वीकारते हुए महाजन ने उनसे इन लक्ष्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की अपील की.
महाजन ने कहा कि तुलनात्मक रूप से एक युवा समूह होने के बाद भी ब्रिक्स ने कई मुकाम हासिल किए हैं. यह समूह आपसी हित के आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक फोरम के तौर परशुरू होकर अब एक ऐसा समूह बन चुका है जिसके एजेंडे पर विभिन्न अहम वैश्विक मुद्दे हैं. लोकसभा स्पीकर ने विकास के बेहद बुनियादी और अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया. महिलाओं की भूमिका एवं अहमियत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाएं ही पूरी दुनिया को एक साथ बांधे रखती हैं.
इस कार्यक्रम में महाजन ने यह भी कहा कि संस्कृति की कीमत पर विकास टिकाउ नहीं होता. उन्होंने राजस्थान में जल संसाधनों के सतत इस्तेमाल और जल संरक्षण की सदियों पुरानी परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हीं तौर-तरीकों के कारण यह सूखा मुक्त राज्य बन सका है. महाजन ने कहा, ‘‘हमारा अतीत हमें बताता है कि कैसे सभ्यतागत मजबूतियां हमें समकालीन चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाती हैं. यह अहम है कि हम सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के देशी तौर-तरीके विकसित करें.’ राजस्थान विधानसभा में आयोजित सत्र में उन्होंने कहा, ‘‘संस्कृति की कीमत पर विकास टिकाऊ नहीं होता.’ उन्होंने जल संरक्षण एवं सतत विकास के क्षेत्र में रेगिस्तानी राज्य राजस्थान की परंपराओं का भी जिक्र किया.
ब्रिक्सदेशों की महिला सांसदों का सम्मेलन आरंभ
जयपुर : राजस्थान विधानसभा में आज से शुरू हुए ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के दो दिवसीय सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने महिला सांसदों से पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एकजुटता से काम करने का आहवान किया. महाजन ने ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के सम्मेलन की शुरुआत में दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद कहा कि सम्मेलन राजस्थान की भूमि पर हो रहा है जहां महिलाओं ने पेड़ों की रक्षा और जल संरक्षण में अपनी छाप छोड़ी है. उन्हाेंने कहा कि पर्यावरण संकट आने पर राजस्थान की अमृता देवी ने चिपको आन्दोलन किया जिसमें पेड़ों से लिपट कर पेड़ों की रक्षा कर एक नयी मिसाल पेश की गयी. राजस्थान की महिलाओं ने प्राकृतिक जल संसाधनों से जल संरक्षण के कार्य में भी मिसाल पेश की है.
उन्होंने कहा कि तुलसी का पौधा लगाना और बरगद पेड़ की पूजा करने की हमारी परम्परा रही है, आयुर्वेद में भी इसकी अहमियत है. राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सम्मेलन में भाग ले रही महिलासांसद का जयपुर में स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों के साथ ही विश्व के अन्य देशों के लिए भी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में नया मार्ग प्रशस्त होगा. उन्हाेंने कहा कि ब्रिक्स देश विश्व की सर्वाधिक तेजी से उभरती हुई अर्थ व्यवस्थाएं हैं जो दुनिया की करीब 43 फीसद जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं. समूह के प्रत्येक देश की अपनी विशिष्ट आर्थिक परिस्थिति होने के उपरांत भी सभी सदस्य सतत विकास के प्रति गंभीर है. सम्मेलन में भाग लेने वाली महिला सांसदों मेंं जया बच्चन भी शामिल हैं. इस मौके पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजेेे, राजे मंत्रिमंडल के सदस्य, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल केंद्रीय राज्य मंत्री सीआर चौधरी भी मौजूद थे.