नए आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल को सुब्रमण्यन स्वामी ने ‘बख्श” दिया!

नयी दिल्ली : नए आरबीआइ गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल की नियुक्ति को लगता है भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का समर्थन हासिल है. स्वामी ने निवर्तमान आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन पर कई हमले किए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने आरबीआइ के अगले बॉस उर्जित पटेल को ‘बख्श’ दिया है. कई रीट्वीट और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 10:43 PM

नयी दिल्ली : नए आरबीआइ गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल की नियुक्ति को लगता है भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का समर्थन हासिल है. स्वामी ने निवर्तमान आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन पर कई हमले किए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने आरबीआइ के अगले बॉस उर्जित पटेल को ‘बख्श’ दिया है.

कई रीट्वीट और अपने ट्विटर फॉलोवरों को जवाब देते हुए स्वामी ने कहा कि यह सोचना ‘बेवकूफाना’ होगा कि वह पटेल की इस बात के लिए आलोचना करने की सोचेंगे कि उनका जन्म केन्या में हुआ.

मुद्रास्फीति को रोकने के लिए ब्याज दर कम नहीं करने की राजन की नीति के स्वामी कटु आलोचक रहे हैं. स्वामी ने उम्मीद जतायी कि पटेल वैसे ‘आक्रामक’ नहीं होंगे.

जब स्वामी के एक फॉलोवर ने केन्या का नागरिक होने के कारण पटेल की आलोचना की तो स्वामी ने कहा, ‘‘वह केन्या के नागरिक नहीं हैं, वह थे. आर 3अर्थ : रघुराम राजन का जन्म भारत में हुआ और उन्होंने भारत में 2007 से रहने के बावजूद अपना ग्रीन कार्ड बरकरार रखना चुना.’ इसका उन्होंने ब्याज दर ऊंची रख कर विकास को नुकसान पहुंचाने के लिए राजन पर हमला करने के दौरान कई बार इस्तेमाल किया.

उनके ट्वीट की वजह से उनके फॉलोवरों ने दावा किया कि वह पटेल की नियुक्ति का समर्थन कर रहे हैं.

स्वामी ने एक फॉलोवर की टिप्पणी को रीट्वीट किया. इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा लगता है कि स्वामी उर्जित पटेल की नियुक्ति को स्वीकृति दे रहे हैं.’ जब एक ट्विटर पर मौजूद व्यक्ति ने कहा, ‘‘मैं सुनिश्चित हूं कि स्वामी इस नियुक्ति से खुश नहीं हैं तो भाजपा सांसद ने पलटकर कहा, ‘‘बकवास.’ स्वामी ने एक फॉलोवर के ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें कहा गया है, ‘‘अलविदा रघुराम राजन. कोई और शौक चुनें. शुक्रिया. स्वागत उर्जित पटेल.’ स्वामी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि राजन देश के लिए उपयुक्त नहीं हैं और उन्होंने कहा था कि राजन ने मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करने की आड़ में ब्याज दरों में वृद्धि की जिससे देश को नुकसान हुआ.

आश्चर्यजनक तरीके से राजन ने जूनमें आरबीआइ कर्मियों को भेजे गए पत्र में घोषणा करते हुए कहा कि वह शिक्षण कार्य में लौटेंगे और दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे.

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