नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में व्याप्त स्थिति को लेकर आज ‘गहरी पीडा’ जतायी तथा संविधान के दायरे में स्थायी समाधान निकालने के लिए वार्ता करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने जम्मू कश्मीर के विपक्षी नेताओं के एक शिष्टमंडल से यह बात कही. उन्होंने कहा कि हाल की गडबडी में जान गंवाने वाले हमारे ही अंग हैं तथा हमारे युवाओं, सुरक्षा बलों अथवा पुलिस, भले ही किसी की जान जाये यह हमारे लिए परेशान करने वाली बात है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर राज्य के साथ है. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को जनता से संपर्क साधना चाहिए और इस बात से अगवत कराना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में शिष्टमंडल से मुलाकात में प्रधानमंत्री ने राज्य में व्याप्त स्थिति पर गहरी चिंता एवं पीडा जतायी तथा घाटी में सामान्य स्थिति कायम किये जाने की अपील की. घाटी में पिछले 44 दिनों से अशांति कायम है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें संविधान के दायरे में समस्या का एक स्थायी एवं टिकाउ समाधान निकालने की आवश्यकता है.’ सूत्रों के अनुसार मोदी ने जम्मू कश्मीर की समसयाओं का समाधान निकालने के लिए सभी राजनीति दलों से मिलकर काम करने के लिए कहा.
प्रधानमंत्री ने राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. इससे पूर्व नेशनल कांफेंस नेता उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला और उसने घाटी में वर्तमान संकट के समाधान के लिए एक राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाये जाने तथा पूर्व की गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने देने को कहा. कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद से अशांति कायम है.