मोदी ने किया स्टोर पैलेस का उद्घाटन, कहा-भारतीय हमेशा अफगानिस्तान के साथ

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए काबुल स्थित स्टोर पैलेस का उद्घाटन किया और कहा कि भारत के सवा अरब लोग शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने में अफगानिस्तान के साथ हमेशा खडे रहेंगे. स्टोर पैलेस को दारल अमन पैलेस के नाम से भी जाना जाता है. मोदी ने कहा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 3:28 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए काबुल स्थित स्टोर पैलेस का उद्घाटन किया और कहा कि भारत के सवा अरब लोग शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने में अफगानिस्तान के साथ हमेशा खडे रहेंगे. स्टोर पैलेस को दारल अमन पैलेस के नाम से भी जाना जाता है. मोदी ने कहा, ‘अफगानिस्तान एक घनिष्ठ मित्र है. हमारे समाजों और लोगों के बीच सदियों पुराने संबंध हैं. इसलिए, हमें यह देखकर दुख होता है कि आपके गौरवाशाली देश को बाहर से प्रायोजित तत्वों और हिंसा एवं आतंक फैलाने वाले लोगों की ओर से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं अफगानस्तिान के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक समृद्ध अफगानिस्तान बनाने और आपके समाज में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता लाने की आपकी चाहत के साथ भारत के 1.25 अरब लोग हमेशा आपके साथ खडे रहेंगे.’ मोदी ने यहां नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय से बोलते हुए जोर देकर कहा कि ‘चाहे जो भी कठिनाइयां हों, भारत सभी अफगान नागरिकों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आपके साथ मिलकर काम करेगा.’

भारत और अफगानिस्तान हमेशा घनिष्‍ठ मित्र रहेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अफगानस्तिान के साथ हमारी साझेदारी का संकल्प और हमारी मित्रता की शक्ति अटल है. आज का आयोजन हमारे सहयोगात्मक मनोरथ के संकल्प और दायरे का साक्ष्य है. हम प्रत्येक अफगान नागरिक को समृद्ध और आपके समाज को आर्थिक वृद्धि से लाभान्वित होते देखना चाहते हैं.’ इस अवसर पर गनी ने कहा कि शांति और उदारता का ‘तर्क’ आतंक और हिंसा के तर्क को परास्त करेगा. उन्होंने कहा कि भारत और अफगानस्तिान हमेशा घनिष्ठ मित्र रहे हैं और इस तरह की संयुक्त पहल दोनों देशों के बीच सहयोग की एक सार्थक यात्रा हैं.

मोदी ने रेखांकित किया कि ‘हमारे दिलोदिमाग में भारतीय और अफगान हमेशा सबसे घनिष्ठ मित्र रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने ‘‘अफगानिस्तान में भारतीय दूतवास और वाणिज्य दूतावासों की रक्षा करने तथा वहां काम कर रहे भारतीय विशेषज्ञों की सुरक्षा सुनिश्चित करने’ के लिए अफगान सरकार का धन्यवाद भी किया. मोदी ने कहा, ‘हमारे अफगान भाइयों द्वारा दिए गए बलिदानों को भुलाया नहीं जाएगा.’

स्टोर पैलेस कई मायनों में सर्वथा भिन्न

मोदी ने कहा कि स्टोर पैलेस का वीडियो उद्घाटन कई मायनों में सर्वथा भिन्न है. अनेक दृष्टि से यह कहीं ज्यादा मौलिक और हमारी व्यस्तता के आयामों का भी परिचायक है. ‘मैं यह इसलिए कह रहा हूं कि यह अफगानिस्तान की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने का एक मूल्यवान अवसर है.’ राजधानी शहर काबुल में पर्वतीय उंचाई पर स्थित इस पैलेस का निर्माण 1920 के दशक में अफगानस्तिान के राजा अमान उल्ला खान ने कराया था. मोदी ने कहा, ‘स्टोर पैलेस अनेक ऐतिहासिक घटनाओं के अनेक क्षणों के कलेवर को अपने में समेटे हुए है. उन लोगों के लिए जो अफगानिस्तान में हिंसा की परछाई से परे नहीं देख सकते, पुनर्बहाल किया गया स्टोर पैलेस अफगानस्तिान की समृद्ध परंपराओं की याद दिलाता है.’

उन्होंने कहा, ‘और साथ ही यह हमारे अफगान भाइयों तथा बहनों के लिए अफगान समाज की लुप्त स्मृतियों सौंदर्य, वैभव और गौरव को पुनर्जीवित करता है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी मैत्री की नींव के अनुरुप यह हमारे संबंधों की ऐतिहासिक मैत्री और हमारी दोस्ती को प्रस्तुत करने की महत्वपूर्ण कडी है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं सभी कलाकारों, विशेषज्ञों और सलाहकारों की प्रशंसा करना चाहूंगा जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर इस नाजुक कार्य को अंजाम दिया है.’

हमारा संबंध सदियों पुरान

अफगानिस्तान को ‘घनिष्ठ मित्र’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के समाजों और लोगों के बीच ‘सदियों पुराने संबंध रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमें यह देखकर दुख होता है कि बाहरी ताकतों द्वारा प्रायोजित हिंसा और आतंक के प्रयासों के चलते आपके गौरवशाली देश को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड रहा है.’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान दोनों देशों द्वारा विगत में अफगानिस्तान में नयी संसद के उद्घाटन तथा इस साल जून में सलमा बांध के उद्घाटन जैसी सफल ‘संयुक्त पहल’ के बारे में बात की.

उन्होंने बांध को अफगानिस्तान-भारत मित्रता बांध करार दिया. मोदी ने कहा कि सलमा बांध से अफगानिस्तान के हेरात इलाके की अर्थव्यवस्था और कृषि न केवल पुनर्जीवित और नवीकृत होगी, बल्कि अफगानिस्तान के संपूर्ण विकास एवं प्रगति के लिए एक सशक्त एवं दीर्घकालिक समर्थन के सेतु का निर्माण भी होगा.

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