लीक हुआ स्कॉर्पियन पनडुब्बियों से जुड़ा खुफिया डाटा,जानें कैसे भारत को हो सकता है खतरा
नयी दिल्ली : व्यापक रूप से अपने पनडुब्बियों के गोपनीय डेटा लीक होने के कारण फ्रेंच डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस बुरी तरह से फंस गया है. इस लीक ने भारत साहित चिली और मलयेशिया की बेचैनी बढ़ दी है. इस खबर का खुलासा आज एक ऑस्ट्रेलियन अखबार ने किया है. भारत की स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की तकनीकी […]
नयी दिल्ली : व्यापक रूप से अपने पनडुब्बियों के गोपनीय डेटा लीक होने के कारण फ्रेंच डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस बुरी तरह से फंस गया है. इस लीक ने भारत साहित चिली और मलयेशिया की बेचैनी बढ़ दी है. इस खबर का खुलासा आज एक ऑस्ट्रेलियन अखबार ने किया है. भारत की स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की तकनीकी एवं रडार से बचने की क्षमताओं से जुडी विस्तृत जानकारी वाले संवेदनशील दस्तावेज लीक हो जाने से भारत चिंतित है. इस संबंध में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस मामले में नौसेना प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है.
पनडुब्बियों का डिजाइन फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस ने किया है तैयार
इन स्कॉर्पियन पनडुब्बियों का डिजाइन फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस ने तैयार किया है. ऑस्ट्रेलिया के ‘द ऑस्ट्रेलियन’ अखबार के अनुसार, डीसीएनएस का कुल 22,400 पन्नों का जो डाटा लीक हुआ है, उसमें भारत की छह नई पनडुब्बियों की रडार से बच निकलने की गोपनीय क्षमता की जानकारी है. इसमें उन आवृत्तियों का भी जिक्र है, जिन पर ये खुफिया जानकारी जुटाती हैं. इसके अलावा इस डाटा में यह भी दर्ज है कि ये पनडुब्बियां गति के विभिन्न स्तरों पर कितना शोर करती हैं और किस गहराई तक गोता लगा सकती हैं और इनकी रेंज और मजबूती कितनी है. ये सभी संवेदनशील और बेहद गोपनीय जानकारी हैं. इसमें कहा गया कि ये आंकडे पनडुब्बी के चालक दल को यह बताते हैं कि नौका पर वे किस स्थान पर जाकर दुश्मन की नजर से बचते हुए सुरक्षित तरीके से बात कर सकते हैं? आंकडे चुंबकीय, विद्युत चुंबकीय और इन्फ्रारेड डाटा का भी खुलासा करते हैं. इसके साथ ही ये पनडुब्बी के तारपीडो प्रक्षेपण तंत्र और युद्धक तंत्र की विशिष्ट जानकारी भी देते हैं.
क्यों है खतरा
इस डाटा में पेरिस्कोप का इस्तेमाल करने के लिए जरुरी गति और स्थितियों का भी विवरण है. इसके अलावा पनडुब्बी के पानी की सतह पर आने के बाद प्रोपेलर से होने वाले शोर और तरंगों के स्तर का जिक्र भी इसमें है. अखबार द्वारा हासिल किए गए आंकडों में, पनडुब्बी के पानी के अंदर वाले संसूचकों के बारे में जानकारी देने वाले 4457 पन्ने, पानी के उपर लगे संसूचकों पर 4209 पन्ने, तारपीडो दागने के तंत्र से जुडे 493 पन्ने, पनडुब्बी की संचार व्यवस्था पर 6841 पन्ने और इसके दिशासूचक तंत्रों से जुडे 2138 पन्ने हैं.
क्या कहा रक्षामंत्री ने
पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए बताया कि मैंने नौसेना प्रमुख से कहा है कि वह पूरे मामले का अध्ययन करें और पता लगाएं कि क्या लीक हुआ है? उसमें हमारे बारे में क्या जानकारी है और कितनी जानकारी है? मुझे पता चला है कि यह रात लगभग 12 बजे हुआ. मुझे लगता है कि यह हैकिंग है. हम इस सबका पता लगा लेंगे.’ रक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस लीक को 100 फीसदी नहीं मानते क्योंकि अंतिम एकीकरण का एक बडा हिस्सा भारत के पास है. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी. नौसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से जुडे दस्तावेजों की संदिग्ध लीक की जानकारी विदेशी मीडिया हाउस द्वारा दी गई है.’
भारत को खतरा
भारतीय स्कोर्पियन सबमरीन के जुड़ा संवेदनशील डाटा लीक हो जाना भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. जानकारों की माने तो अगर यह जानकारी चीन और पाकिस्तान के पास पहुंच गई तो बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है. ऑस्ट्रेलियन अखबार से मिली जानकारी के अनुसार, 22,400 पन्नों की जानकारी लीक हुई है. इसमें उन सभी 6 स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन के बारे में जानकारियां है जो भारत के पास हैं.