नयी दिल्लीः दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने की मांग को लेफ्टिनेंट गवर्नर ने खारिज कर दिया है. उन्होंने बरखा सिंह को पद से हटाने संबंधी मांग की फाइल दिल्ली सरकार को वापस भेज दी है और स्पष्टीकरण की मांग की है कि सरकार उन्हें क्यूं हटाना चाहती है. सीएम केजरीवाल का आरोप है कि बरखा कांग्रेस से जुड़ी हुई हैं. वह निष्पक्ष काम नहीं कर सकतीं, इसलिए सरकार ने साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा को आयोग की अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की है. पुष्पा सिर्फ एक रुपये की सैलरी पर यह पद जॉइन करेंगी.
दक्षिण दिल्ली में आधी रात को घर में घुसकर अफ्रीकी महिलाओं से र्दुव्यवहार मामले में कानून मंत्री सोमनाथ भारती को सम्मन भेजने के बाद आम आदमी पार्टी के निशाने पर आयी दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) अध्यक्ष बरखा सिंह का राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने भी आज खुलकर बचाव किया.
ममता ने इंदौर प्रेस क्लब में कहा, ‘भारती से जुड़े मामले में बरखा निर्दोष हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए कानून मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये थी. लेकिन इस मामले में तो उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहा है.’ उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भारतीय संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा, ‘भारती ने गलती की है. वह बगैर किसी आदेश के अफ्रीकी महिलाओं के परिसर में घुस गये और उन्हें परेशान किया. वह कानून मंत्री होते हुए कानून को अपने हाथ में कैसे ले सकते हैं.’ राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा, ‘बरखा ने दो बार सम्मन देकर भारती को बुलाया. लेकिन वह खुद डीसीडब्ल्यू के सामने पेश नहीं हुए.’ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने बरखा पर बतौर डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष राजनीति करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही, दिल्ली के उप राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा है कि बरखा की जगह हिन्दी उपन्यासकार मैत्रेयी पुष्पा को डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष बनाया जाये.