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निर्भया केस के दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में की खुदकुशी की कोशिश, हालत गंभीर

नयी दिल्ली : निर्भया केस के दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी की कोशिश की जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोषी ने गले में गमछा बांधकर खुद को मारने का प्रयास किया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई जब यह बात जेल प्रशासन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2016 8:32 AM

नयी दिल्ली : निर्भया केस के दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी की कोशिश की जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोषी ने गले में गमछा बांधकर खुद को मारने का प्रयास किया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई जब यह बात जेल प्रशासन के कानों तक पहुंची तो उन्होंने आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. खुदकुशी का प्रयास करने से पहले उसने किसी पेन किलर का अत्यधिक सेवन कर लिया था.

पहले हो चुका है विनय पर हमला
दिल्ली के निर्भया दुष्कर्म कांड के दोषी विनय शर्मा पर जेल में पहले भी हमला हो चुका है. उसपर तिहाड़ जेल के ही कैदियों ने पिछले साल हमला कर दिया था जिसमें उसका हाथ में फ्रेक्चर हो गया था. निर्भया केस के 5 दोषियों में से एक जिम ट्रेनर रहे विनय शर्मा को निर्भया केस में अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार देते हुए कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद है.

एक आरोपी कर चुका है खुदकुशी
आपको बता दें कि इस मामले में एक अन्य आरोपी राम सिंह ने कथित तौर पर जेल में खुदकुशी कर ली थी. इस घटना के बाद से एक बार फिर तिहाड़ जेल की अंदरूनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. अब ऐसे में जब विनय ने खुदकुशी कर प्रयास किया है जिससे एक बार फिर जेल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं.

क्या कहा जेल अधिकारियों ने

जेल अधिकारियों ने बताया कि शर्मा कल रात करीब साढे नौ बजे जेल की कोठरी में फांसी लगाने की कोशिश कर रहा था तभी तमिलनाडु के विशेष पुलिस जवान ने उसे रोक दिया. बाद में उसे दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बतायी जा रही है. जेल के सूत्रों ने बताया कि आत्महत्या का प्रयास करने से पहले उसने भारी मात्रा में अवसाद मिटाने वालीगोलियां खायी थीं. शर्मा अवसादग्रस्त था इसलिए उसे दवाईयां दी जा रही थीं.

16 दिसंबर 2012 का खैफनाक दिन

16 दिसंबर 2012 को दक्षिण दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ बर्बरता से सामूहिक बलात्कार किया था. बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में युवती की मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था.

चार दोषियों को मिली थी मौत की सजा

सामूहिक बलात्कार के चार दोषियों-अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को मौत की सजा मिली थी. इस मामले का मुख्य आरोपी राम सिंह मार्च 2013 को तिहाड जेल के अपने कमरे में मरा हुआ पाया गया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गयी थी. इस मामले के नाबालिग दोषी को तीन साल के लिए सुधार गृह में रहने की सजा दी गयी थी. पिछले साल दिसंबर में उसे सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.

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