सरकार को दही हांडी उत्सव पर आदेश को पलट देना चाहिए : शिवसेना
मुंबई : महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सवों को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की पृष्ठभूमि में शिवसेना ने आज कहा है कि सरकार को शीर्ष अदालत के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए. शिवसेना ने कहा कि पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने के अपने तय काम को करने के बजाय उच्चतम न्यायालय […]
मुंबई : महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सवों को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की पृष्ठभूमि में शिवसेना ने आज कहा है कि सरकार को शीर्ष अदालत के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए. शिवसेना ने कहा कि पुलिस अब अपराधियों को पकड़ने के अपने तय काम को करने के बजाय उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए एक जगह से दूसरी जगह तक घूमती रहेगी और मानव पिरामिड की ऊंचाई और ‘गोविंदाओं’ (ऐसे युवक जो दही से भरे मटके को फोडने के लिए मानवीय पिरामिड बनाते हैं) की उम्र पर नजर रखेगी.
भाजपा की सहयोगी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा है, ‘परंपरागत तरीके से उत्सव मनाने का समर्थन करने वाले राजनेता अब शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने में जुट गये हैं और लोगों से अनुशासन बनाए रखने और बनाए गये दिशा-निर्देशों का पालन करने को कह रहे हैं. यह संभव नहीं है कि सरकार अदालत के आदेश को लेकर मन में गुस्सा उमड़ने के बावजूद उसे पलटने के लिए एक अध्यादेश ला सके.’
इसमें कहा गया है कि, ‘हालांकि, सरकार ने आज अवकाश की घोषणा की है, लेकिन यदि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने के लिए कुछ किया होता तो लोगों को ज्यादा खुशी होती.’ शिवसेना ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने पुलिस पर काम का बोझ बढा दिया है क्योंकि उसे यह सुनिश्चित करने के लिए दही हांडी उत्सव पर अब कड़ी निगरानी रखनी पडेगी कि उसके इस आदेश का कोई उल्लंघन न हो.
मुखपत्र में कहा गया है, ‘अब यह सही होगा कि आतंकवादी, अपराधी, चोर स्वतंत्र होकर घूमें और पुलिस गोविंदाओं पर नजर रखे. कोई त्यौहार मनाना अब देश में एक अपराध हो गया है.’ उच्चतम न्यायालय ने जन्माष्टमी त्यौहार पर मनाये जाने वाले दही हांडी उत्सव में 18 साल से कम उम्र के लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
उच्चतम न्यायालय ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को भी बरकरार रखा है जिसमें मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट तय कर दी गई है. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राजनीतिक दलों और दही हांडी के आयोजकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.