नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज यहां फरवरी में जेएनयू परिसर में कथित भारत विरोधी नारेबाजी से जुडे देशद्रोह के एक मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य छात्रों को नियमित जमानत दे दी और कहा कि उन्हें राहत नहीं देने का कोई आधार नहीं है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि कन्हैया और दो अन्य छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने अंतरिम जमानत की शर्तों का दुरुपयोग नहीं किया और जांच में सहयोग किया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस तथ्य पर गौर करते हुए कि ये तीन आरोपी अंतरिम जमानत पर हैं और जब और जहां भी बुलाया, वे जांच में शामिल हुए, मैं इन सभी आरोपियों कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की उन्हीं शर्तों पर नियमित जमानत मंजूर करता हूं जिन पर अंतरिम जमानत दी गई थी.’ न्यायाधीश ने कहा कि इन आरोपियों ने अंतरिम जमानत के समय जमानत संबंधी मुचलके पहले ही भर दिये हैं. ये ही मुचलके अगले आदेश तक प्रभाव में रहेंगे. विशेष लोक अभियोजक राजीव मोहन ने कहा कि तीन आरोपियों ने जांच के दौरान ‘‘सहयोग’ किया और उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत का ‘‘दुरुपयोग नहीं’ किया.
कन्हैया ने यह याचिका ऐसे समय दायर की जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 अगस्त को नियमित जमानत का उनका अनुरोध ठुकरा दिया था और उनसे इस संबंध में सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा था. उच्च न्यायालय ने उन्हें दो मार्च को छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी जिसकी अवधि एक सितंबर को समाप्त हो रही है.