चंडीगढ़ : आप पार्टी के पंजाब संयोजक पद से हटाए जाने के एक दिन बाद सुच्चा सिंह छोटेपुर ने अपने खिलाफ आरोपों की जांच के लिए पार्टी द्वारा गठित पैनल को खारिज कर दिया और नेतृत्व को उस वीडियो को सार्वजनिक करने की चुनौती दी जिसमें वह टिकट चाहने वाले से पैसे स्वीकार करते नजर आए हैं.उन्होंने अपने खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन की ‘‘साजिश’ करने के लिए आम आदमी पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधा और दावा किया कि दिल्ली में बैठे आप नेता पंजाब में कार्यकर्ताओं और प्रवासी भारतीयों से बिना रसीद दिए ‘‘भारी रकम’ जमा कर रहे हैं.
राज्य में विधानसभा चुनावों के महज छह महीने पहले आप ने कथित वीडियो क्लिप की पृष्ठभूमि में कल 65 वर्षीय छोटेपुर को पंजाब संयोजक पद से हटा दिया. छोटेपुर ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस तरह के आरोप मेरे खिलाफ लगाए गए हैं मुझे पद से हटाने की उम्मीद थी. लेकिन, मैं थोड़ा हैरान रह गया कि मेरे खिलाफ कार्रवाई किये जाने के बाद कमेटी बनायी गयी. आम तौर पर पार्टी में किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के पहले कमेटी बनायी जाती है.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस कमेटी की कोई शुचिता नहीं है क्योंकि इस पैनल में उन लोगों को हिस्सा बनाया गया है जो मुझे निकालना चाहते हैं.’
छोटेपुर ने कहा, ‘‘मैं कैसे इसे मान सकता हूं? मैं पैनल के सामने पेश नहीं होउंगा क्योंकि मैंने इस कमेटी को खारिज कर दिया है.’ छोटेपुर को निष्कासित करने के बाद आप ने उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए पंजाब में पार्टी के सह संयोजक जरनैल सिंह और प्रशासनिक एवं शिकायत प्रकोष्ठ के प्रमुख जसबीर सिंह बीर का दो सदस्यीय पैनल बनाया है.
मामले की ‘‘निष्पक्ष जांच’ के लिए इसकी जगह छोटेपुर ने निलंबित सांसद धर्मवीर गांधी, हरिंदर सिंह खालसा और पंजाब डायलोग के चैयरमेन कंवर संधू का पैनल बनाने की मांग की है.
उन्होंने आप को भी वीडियो सार्वजनिक करने की चुनौती दी जिसमें वह रकम स्वीकार करते हुए नजर आए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे चाहता हूं कि वीडियो दिखाया जाए.’ साथ ही कहा, ‘‘पंजाब में पार्टी को बनाने के लिए ढाई साल जी जान से काम करने के बदले सराहना चाह रहा था लेकिन अब उन्होंने जो मेरे साथ किया है उपर वाला कभी उन्हें माफ नहीं करेगा.’ आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह किसी भी टिकट के दावेदार का पक्ष नहीं लेते क्योंकि वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य भी नहीं है.
छोटेपुर ने दावा किया, ‘‘केवल दुर्गेश पाठक (राष्ट्रीय संगठन निर्माण प्रमुख) के पास ही पूरी शक्ति है.’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं शक्तिहीन था. जिनके पास शक्ति होती है उन्हें पैसे मिलते हैं. संयोजक होने के बावजूद पंजाब से जमा पैसा खर्च करने को लेकर मुझे कभी विश्वास में नहीं लिया गया. मुझे कभी नहीं बताया गया कि बाहर से कितना पैसा आया. पैसा एकत्र करने की रसीद जारी नहीं की गयी. ‘ क्या वह कांग्रेस में शामिल होंगे, छोटेपुर ने कहा कि उन्होंने इस मोर्चे पर अभी इसका फैसला नहीं किया है. ‘कांग्रेस से कोई पेशकश नहीं है. मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को पिछले 30 साल से जानता हूं. कार्यकर्ता मेरी ताकत हैं. मेरे समर्थक जो भी फैसला करेंगे मैं वही करुंगा. मैं जल्दबाजी में नहीं हूं. ‘ क्या कांग्रेस छोटेपुर का स्वागत करेगी यह पूछे जाने पर कल अमरिंदर ने कहा था, ‘‘चाहे छोटेपुर हों या नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह या इंदरबीर बोलारिया (निलंबित अकाली दल विधायक) कांग्रेस पार्टी के दरवाजे हर किसी के लिए खुले हैं.’