फिर बोले मुलायम, अयोध्या में गोली चलवाना देशहित में था
लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के अपने फैसले पर शनिवार को एक बार फिर कहा कि देश की एकता के लिए अयोध्या में गोली चलवाना मेरी मजबूरी थी. यदि गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश पर विश्वास नहीं रह जाता. उन्होंने कहा कि उन्हें गोली […]
लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के अपने फैसले पर शनिवार को एक बार फिर कहा कि देश की एकता के लिए अयोध्या में गोली चलवाना मेरी मजबूरी थी. यदि गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश पर विश्वास नहीं रह जाता. उन्होंने कहा कि उन्हें गोली चलने का अफसोस है, मगर देश की एकता के लिए 16 की जगह 30 जानें भी जातीं, तो भी मैं पीछे नहीं हटता’ अपने ऊपर लिखी किताब ‘बढ़ते गए साहसिक कदम’ के विमोचन कार्यक्रम में मुलायम ने ये बातें कही.
मुलायम ने यह भी कहा कि गोली चलवाने के बाद उनकी बहुत आलोचना हुई. संसद में उनका विरोध किया गया लेकिन यह कदम देश हित में था. ऐसा न होता तो हिन्दुस्तान का मुसलमान कहता कि यदि हमारा धर्मस्थल नहीं बच सकता है तो यहां रहने से क्या फायदा? उन्होंने कहा कि समाजवाद का मूलमंत्र है सबको साथ लेकर चलना.
आपको बता दें कि इससे पहले भी मुलायम सिंह यादव कई अवसर पर इस विवाद पर बोल चुके हैं. जुलाई 2013 को उन्होंने कहा था कि उस वक्त मेरे सामने मंदिर-मस्जिद और देश्या की एकता का सवाल था. देश की एकता के लिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा. मुझे इस बात पर अफसोस है लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. इसके बाद उन्होंने जनवरी 2016 में अपने इस कृत्य पर अफसोस जताया था.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अयोध्या में राम मंदिर के लिए नई शिलाओं की राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास पूजा की थी. गुजरात और राजस्थान से पत्थर यहां पहुंचे थे जबकि पत्थरों को बाहर से मंगाने की प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई थी. जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के पहले इस मुद्दे का उठना स्वभाविक है.