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रियो से कश्मीर तक पीएम मोदी ने की ”मन की बात”

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्‍यम से ‘मन की बात’ के 23वें संस्करण में कश्‍मीर में जारी हिंसा को लेकर उन लोगों पर हमला किया जिनके कारण यहां अशांति फैली हुई है. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो लोग छोटे-छोटे बालकों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा […]

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्‍यम से ‘मन की बात’ के 23वें संस्करण में कश्‍मीर में जारी हिंसा को लेकर उन लोगों पर हमला किया जिनके कारण यहां अशांति फैली हुई है. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो लोग छोटे-छोटे बालकों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे , कभी-न-कभी उनको इन निर्दोष बालकों को जवाब देना पड़ेगा.

‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत आज पीएम मोदी ने हॉकी के जादूगर धयानचंद से की. उन्होंने कहा कि कल धयानचंद जी की जयंति है जिसे खेल दिवस के रुप में मनाया जाएगा. मैं ध्यान चंद जी को श्रद्धांजलि देता हूँ और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं.मोदी ने ध्‍यानचंद को याद करते हुए कहा कि 1928, 1932, 1936 में ओलंपिक में भारत को हॉकी का स्वर्ण दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. क्रिकेट के भगवान सर ब्रेडमैन ने ध्यान चंद जी के लिए कहा था – ‘He scores goals like runs’. ध्यानचंद जी स्पोट्समैन स्प्रीट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे.

ओलंपिक का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि इस बात से तो इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारी आशा के अनुरूप हम ओलंपिक में प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन निराश होने की जरुरत नहीं. कई खेलों में हमने अच्छा किया है. शूटिंग के अन्दर हमारे अभिनव बिंद्रा जी चौथे स्थान पर रहे और बहुत ही थोड़े से अंतर से वो पदक चूक गये. जिम्नास्ट में दीपा कर्माकर चौथे स्थान पर रही, बहुत थोड़े अंतर के चलते मेडल से चूक गयी. पी.टी. ऊषा के बाद, 32 साल में पहली बार ललिता बाबर ने ट्रेक फिल्ड फिनाले के लिए क्वालिफाई किया. 36 साल बाद महिला हॉकी टीम ओलंपिक पहुंची,पिछले 36 साल में पहली बार पुरुष हॉकी- नॉक आऊट स्टेज पर पहुंचने में कामयाब रही. बॉ‍क्सिंग में विकास कृष्ण यादव क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे, लेकिन ब्रोंज नहीं पा सके. कई खिलाड़ी, जैसे उदाहरण के लिए – अदिति अशोक, दत्तू भोकनल, अतनु दास कई नाम हैं, जिनके प्रदर्शन अच्छे रहे.पीएम मोदी ने कहा कि मैंने कमिटी की घोषणा की है, सरकार इन हाऊस इसकी गहराई में जाएगी, दुनिया में क्या-क्या अभ्यास हो रही हैं, उसका अध्ययन करेगी. 2020, 2024, 2028 – एक दूर तक की सोच के साथ हमने योजना बनानी है. मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि ऐसी कमेटियां बनाएं, खेल जगत से जुड़े संस्था निष्पक्ष भाव से बुद्धिशीलता करें. पीएम मोदी ने कहा कि सवा-सौ करोड़ देशवासी, 65% युवा जनसंख्या वाला देश, खेल की दुनिया में भी बेहतरीन स्थिति प्राप्त करे, इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है.

जीवन में जितना ‘मां’ का स्थान होता है, उतना ही शिक्षक का

5 सितम्बर शिक्षक दिवस है, मैं कई वर्षों से शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों के साथ काफ़ी समय बिताता रहा. मेरे लिये, 5 सितम्बर ‘शिक्षक दिवस’ भी था और मेरे लिये, ‘शिक्षा दिवस’ भी था. लेकिन इस बार मुझे जी-20 समिट के लिए जाना पड़ रहा है. जीवन में जितना ‘मां’ का स्थान होता है, उतना ही शिक्षक का स्थान होता है. मैं आज पुल्लेला गोपीचंद जी को एक खिलाड़ी से अतिरिक्त एक उत्तम शिक्षक के रूप में देख रहा हूं. 5 सितम्बर, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म दिन है और देश उसे ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाता है. उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन जी हमेशा कहते थे कि “अच्छा शिक्षक वही होता है, जिसके भीतर का छात्र कभी मरता नहीं है”. मेरे एक शिक्षक- अब उनकी 90 साल की आयु हो गयी है- आज भी हर महीने उनकी मुझे चिट्ठी आती है. महीने भर मैंने क्या किया, उनकी नज़र में वो ठीक था, नहीं था, जैसे आज भी मुझे क्लास रुम में वो पढ़ाते हों.

इको फ्रेंडली गणेशोत्सव का संकल्प
कार्यकम में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में गणेश उत्सव आने वाला है. गणेश उत्सव की बात करते हैं, तो लोकमान्य तिलक जी की याद आना बहुत स्वाभाविक है. लोकमान्य तिलक जी ने सार्वजनिक गणेश उत्सव के द्वारा इस धार्मिक अवसर को राष्ट्र जागरण का पर्व बना दिया. अब सिर्फ़ महाराष्ट्र नहीं, हिंदुस्तान के हर कोने में गणेश उत्सव होने लगे हैं. कुछ लोगों ने अभी भी लोकमान्य तिलक जी ने जिस भावना को रखा था, उसका अनुसरण करने का भरपूर प्रयास किया है. सार्वजनिक विषयों पर वो चर्चायें रखते हैं,निबंध,रंगोलीस्पर्द्धायें करते हैं। लोक शिक्षा का बड़ा अभियान गणेश उत्सव के द्वारा चलता है. उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक जी ने हमें “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” ये प्रेरक मन्त्र दिया. सुराज हमारी प्राथमिकता हो, इस मन्त्र को लेकर के हम सार्वजनिक गणेश उत्सव से सन्देश नहीं दे सकते हैं क्या? उत्सव समाज की शक्ति होता है. उत्सव व्यक्ति और समाज के जीवन में नये प्राण भरता है. उत्सव के बिना जीवन असंभव होता है. मुझे कई लोगों ने गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा- उन चीजों पर काफ़ी लिखा है और उनको चिंता हो रही है पर्यावरण की. पीएम मोदी ने कहा कि शंकर नारायण प्रशांत ने कहा है कि मन की बात में लोगों को समझाइए कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश जी की मूर्तियों का उपयोग न करें. क्यों न गांव के तालाब की मिट्टी से बने हुए गणेश जी का उपयोग करें, पीओपी की बनी हुई प्रतिमायें पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं होती. क्यों न हम मिट्टी का उपयोग करके गणेश,दुर्गा की मूर्तियां बनाकर हम उस पुरानी परंपरा पर वापस आएं. पर्यावरण,नदी-तालाबों की रक्षा, उसमें होने वाले प्रदूषण से इस पानी के छोटे-छोटे जीवों की रक्षा- ये भी ईश्वर की सेवा ही तो है. इको फ्रेंडली गणेशोत्सव- एक समाज सेवा का काम है. आप सबको गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनायें देता हूं.

मदर टेरेसा को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि भारत रत्न मदर टेरेसा, 4 सितम्बर को मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जाएगा. मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन भारत में ग़रीबों की सेवा के लिए लगाया था. जिन्होंने जीवनभर भारत के ग़रीबों की सेवा की,ऐसी मदर टेरेसा को जब संत की उपाधि प्राप्त होती है,तो भारतीयों को गर्व होना स्वाभाविक है. 4 सितम्बर को ये जो समारोह होगा, उसमें भारत सरकार, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजेगी. उन्होंने कहा कि संतों, ऋषि-मुनियों, महापुरुषों से हर पल सीखने को मिलता ही है. हम कुछ-न-कुछ पाते रहेंगे,सीखते रहेंगे, कुछ-न-कुछ अच्छा करते रहेंगे.

स्वच्छ गंगा अभियान

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले दिनों 5 राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिये लोगों को जोड़ने का सफल प्रयास किया. इस महीने की 20 तारीख़ को इलाहाबाद में उन लोगों को निमंत्रित किया गया कि जो गंगा के तट पर रहने वाले गांवों के प्रधान थे. वे इलाहाबाद आए और गंगा तट के गांवों के प्रधानों ने मां गंगा की साक्षी में शपथ ली. वे गंगा तट के अपने गाँवों में खुले में शौच जाने की परंपरा को तत्काल बंद करवाएंगे, शौचालय बनाने का अभियान चलाएंगे. गंगा सफ़ाई में गांव पूरी तरह योगदान देगा कि गाँव गंगा को गंदा नहीं होने देगा. मैं उन सबको इस काम के लिए बधाई देता हूं.

शौचालय निर्माण पर जोर

पीएम ने कहा कि कुछ बातें मुझे कभी-कभी बहुत छू जाती हैं और जिनको इसकी कल्पना आती हो, उन लोगों के प्रति मेरे मन में विशेष आदर भी होता है. 15 जुलाई को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में 1700 से ज्यादा स्कूलों के सवा-लाख विद्यार्थियों ने अपने माता-पिता को चिट्ठी लिखी. उन्होंने अपने मां-बाप से चिट्ठी लिख कर के कहा कि हमारे घर में शौचालय होना चाहिए. शौचालय बनाने की उन्होंने मांग की. कुछ बालकों ने तो ये भी लिख दिया कि इस साल मेरा जन्मदिन नहीं मनाओगे, तो चलेगा, लेकिन शौचालय ज़रूर बनाओ. इसका इतना प्रभाव हुआ कि चिट्ठी पाने के बाद दूसरे दिन स्कूल आया, तो मां-बाप ने उसको एक चिट्ठी पकड़ा दी टीचर को देने के लिये. उसमें मां-बाप ने वादा किया था कि फ़लानी तारीख तक वह शौचालय बनवा देंगे. मोदी ने घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कर्नाटक के कोप्पाल ज़िले में 16 साल उम्र की एक बेटी मल्लम्मा- इस बेटी ने अपने परिवार के ख़िलाफ़ ही सत्याग्रह कर दिया. बेटी मल्लम्मा की ज़िद ये थी कि घर में शौचालय होना चाहिए. अब परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं थी, बेटी ज़िद पर अड़ी हुई थी. वो सत्याग्रह छोड़ने को तैयार नहीं थी. गांव के प्रधान मोहम्मद शफ़ी, उनको पता चला कि मल्लम्मा ने शौचालय के लिए सत्याग्रह किया है. गांव के प्रधान मोहम्मद शफ़ी की विशेषता देखिए कि उन्होंने 18000 रुपयों का इंतज़ाम किया और एक सप्ताह के भीतर शौचालय बनवा दिया.

शॉर्ट-फिल्म

पीएम मोदी ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए कैसे रास्ते खोले जाते हैं, यही तो जनशक्ति है. स्वच्छ-भारत’ ये हर भारतीय का सपना बन गया है. कुछ भारतीयों का संकल्प बन गया है. कुछ ने इसे अपना मक़सद बना लिया है. हर कोई अपना योगदान दे रहा है. सरकार ने लोगों से आह्वान किया है कि आप 2-3 मिनट की स्वच्छता की फ़िल्म बनाइए, ये शॉर्ट-फिल्म भारत सरकार को भेज दीजिए. वेबसाइट पर इसकी जानकारियां मिल जाएंगी. उसकी स्पर्द्धा होगी और 2 अक्टूबर ‘गांधी जयंती’ के दिन जो विजयी होंगे, उनको इनाम दिया जाएगा.

पडोसियों के साथ संबंध और “आकाशवाणी”

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की हमेशा-हमेशा ये कोशिश रही है कि हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध गहरे हों, हमारे संबंध सहज हों, हमारे संबंध जीवंत हों. पिछले दिनों राष्ट्रपति “प्रणब मुखर्जी” ने कोलकाता में एक नये कार्यक्रम की शुरुआत की “आकाशवाणी मैत्री चैनल’. उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में बांग्लादेश है. हम जानते हैं, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल एक ही सांस्कृतिक विरासत को ले करके आज भी जी रहे हैं. इधर “आकाशवाणी मैत्री” और उधर “बांग्लादेश बेतार. आपस में कंटेंट शेयर करेंगे, दोनों तरफ़ बांग्लाभाषी लोग “आकाशवाणी” का मज़ा लेंगे. पीपुल टू पीपुल संपर्क का “आकाशवाणी” का बहुत बड़ा योगदान है. मैं बांग्लादेश का धन्यवाद करता हूं कि इस काम के लिये हमारे साथ वे जुड़े. मैं आकाशवाणी के मित्रों को भी बधाई देता हूं कि विदेश नीति में भी वे अपना कॉन्ट्रिब्यूशन दे रहे हैं.

‘गिव इट अप’ जिसने छू लिया पीएम का हृदय
उन्होंने एक पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों मुझे ऐसा पत्र मिला, मेरे मन को छू गया. क़रीब 84 साल की एक मां, जो सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, उन्होंने मुझे ये चिट्ठी लिखी. उन्होंने ये लिखी कि आपने जब गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए अपील की थी, तो मैंने गैस सब्सिडी छोड़ दी थी और बाद में मैं तो भूल भी गई थी. पिछले दिनों मुझे इस गिव इट अप के लिए आपका धन्यवाद पत्र मिला. मेरे लिए भारत के प्रधानमंत्री का पत्र एक पद्मश्री से कम नहीं है. एक सेवानिवृत्त जो पेंशन पर गुज़ारा करने वाली मां जब 50 हज़ार रूपए देती है तो यह बात मन को छू जाती है. वह भी गरीब माताओं को चूल्हे के धुयें से मुक्त कराने के लिए देना…. सवाल उसकी भावना का है..

बाढ और जीएसटी का जिक्र

पिछले वर्ष अकाल के कारण हम परेशान थे, लेकिन ये अगस्त महीना लगातार बाढ़ की कठिनाइयों से भरा रहा. राज्य सरकार,केंद्र सरकार,स्थानीय स्वराज संस्था की इकाइयों,सामाजिक संस्थाओं और नागरिकों ने जितना भी कर सकते हैं, करने का प्रयास किया. अगस्त 2016 में घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले दल, सभी दलों ने मिल कर के जीएसटी का क़ानून पारित किया. इसका क्रेडिट सभी दलों को जाता है.

कश्मीर हिंसा पर बो
लेपीएम- देना होगा जवाब
पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उस कश्मीर की स्थिति के संबंध में, देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिल करके एक स्वर से कश्मीर की बात रखी. कश्मीर के संबंध में मेरा सभी दलों से जितना इंटरेक्शन हुआ, उससे एक बात जागृत होती है – एकता और ममता, मूल मंत्र में रहीं. गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का मत है कि कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है, ये नुकसान अपने देश का ही है. उन्होंने कहा कि जो लोग छोटे-छोटे बालकों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. कभी-न-कभी उनको इन निर्दोष बालकों को जवाब देना पड़ेगा. मोदी ने कहा कि विविधताओं भरे देश को एकता के बंधन में रखने के लिये सबका दायित्व है. हम एकता को बल देने वाली बातें उजागर करें तभी देश उज्ज्वल भविष्य बनाएगा. मेरा सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है.

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