नयी दिल्ली: पठानकोट हमले के संबंध में अमेरिका ने भारत को कुछ सबूत सौंपे हैं जिससे यह बात और पुख्ता हो गई है कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान से ही रची गई थी. अमेरिका ने भारत को यह सबूत एमएलएटी (म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी) के तहत सौंपी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बताया है कि इस हमले के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के फेसबुक अकाउंट्स का आईपी अड्रेस पाकिस्तान का है, यही नहीं अमेरिका ने यह भी जानकारी दी है कि जैश के वित्तीय मामलों को देखने वाले संगठन अल रहमत ट्रस्ट की वेबसाइट का आईपी अड्रेस का लोकेशन भी पाकिस्तान ही है. यह सबूत ऐसे समय में सौंपे गए है जब एनआइए मामले को लेकर जैश-ए-मोहम्द के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का मन बना रही है.
अमेरिका ने जानकारी दी है कि यह आईपी अड्रेस कराची के मालिर में रफा-ए-आम सोसायटी में मौजूद था. इन दोनों वेबसाइट्स के संचालन का जिम्मा तारिक सिद्दीकी नाम के शख्स को सौंपा गया था. इसके लिए वह एक ही ईमेल का इस्तेमाल कर रहा था. इन सभी अकाउंट्स को पठानकोट हमले के दौरान एक्सेस किया गया था. इस बात का खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान के दोस्तों ने जिन फेसबुक ग्रुप्स का उपयोग किया था वो जिहाद और जैश से जुड़े थे. इस ग्रुप में पठानकोट हमले के दौरान मारे गए चारों आतंकियों की तस्वीर भी थी. इन आतंकवादियों के नाम नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम थे.
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जिस फेसबुक अकाउंट्स को काशिफ जान इस्तेमाल किया करता था वह अकाउंट्स उस नंबर से जुड़े हुए थे जिस नंबर पर आतंकियों ने पठानकोट से कॉल किया था.