स्कॉर्पीन दस्तावेज लीक मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट पर लेंगे निर्णय : नेवी चीफ सुनील लांबा

नयीदिल्ली : स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक मामले पर पहली बार टिप्पणी करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि पनडुब्बी से संबंधित जानकारी के लीक होने को ‘‘बेहद गंभीरता” से लिया जा रहा है हालांकि ‘‘यह मामला ज्यादा चिंताजनक नहीं है.” गौरतलब है कि पनडुब्बी की क्षमताओं से संबंधित जानकारियों से जुड़े 22,000 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2016 12:34 PM

नयीदिल्ली : स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक मामले पर पहली बार टिप्पणी करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा है कि पनडुब्बी से संबंधित जानकारी के लीक होने को ‘‘बेहद गंभीरता” से लिया जा रहा है हालांकि ‘‘यह मामला ज्यादा चिंताजनक नहीं है.” गौरतलब है कि पनडुब्बी की क्षमताओं से संबंधित जानकारियों से जुड़े 22,000 पन्ने लीक हो गए थे.

नौसेना प्रमुख ने यहां कहा, ‘‘किसी भी जानकारी के लीक होने की घटना को बेहद गंभीरता से लिया जाता है. स्कॉर्पीन से संबंधित डाटा के लीक होने को हम बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और हमने फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस से इस मामले में तत्काल जांच करने को कहा है.” उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.

उन्होंने बताया, ‘‘समिति की रिपोर्ट के आधार पर हम देखेंगे कि इसके प्रभाव को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.” लीक मामले की गंभीरता पर किए एक सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘यह मामला ज्यादा चिंताजनक नहीं है. फिलहाल समिति विश्लेषण कर रही है और यह देखेगी कि किस तरह की जानकारियों के साथ समझौता हुआ है और इसके प्रभाव को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है.” उच्च स्तरीय समिति रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर को 20 सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट दे सकती है.

मुंबई में फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के सहयोग से नौसेना के लिए बनायी जा रही छह बेहद आधुनिक पनडुब्बियों की क्षमताओं से संबंधित करीब 22,000 पन्नों का बेहद खुफिया डाटा लीक हो गया था.

उधर, स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस ने द आस्ट्रेलियन अखबार के खिलाफ आस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें दस्तावेजों के प्रकाशन पर रोक लगाने की गुहार लगायी गयी है. याचिका में कहा गया है कि अखबार के पास उपलब्ध दस्तावेज उसे सौंपा जाये. अखबार ने अपनी खबर में कहा था कि इस स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े 22400 पेजों का दस्तावेज कंपनी के पास से लिक होने के बाद दूसरों के पास पहुंच गया, जिसमें कई गोपनीय व अहम सूचनाएं थीं.

ध्यान रहे कि भारतीय नौसेना स्कॉर्पीन पनडुब्बी को अक्तूबर में अपने बेड़े में शामिल करने वाली है. इस विवाद पर पूर्व में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने बयान दिया था. पर्रिकर ने कहा था कि दस्तावेज लिक होने से चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसमें हथियार प्रणाली का ब्योरा शामिल नहीं है और महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं हैं.

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