भुल्लर की फांसी पर उच्चतम न्यायालय ने लगायी रोक

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज खालिस्तानी आतंकवादी देविंदरपाल सिंह भुल्लर की फांसी की सजा पर रोक लगा दी और अपने ही उस फैसले की समीक्षा पर सहमति जतायी, जिसमें उसने वर्ष 1993 में दिल्ली में हुए बम विस्फोट मामले के इस दोषी की मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने का आग्रह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2014 12:46 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज खालिस्तानी आतंकवादी देविंदरपाल सिंह भुल्लर की फांसी की सजा पर रोक लगा दी और अपने ही उस फैसले की समीक्षा पर सहमति जतायी, जिसमें उसने वर्ष 1993 में दिल्ली में हुए बम विस्फोट मामले के इस दोषी की मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने का आग्रह खारिज कर दिया था.

प्रधान न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली चार न्यायाधीशों की एक पीठ ने भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर द्वारा दाखिल सुधारात्मक याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किये.

पीठ में न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा, न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति जे एस मुखोपाध्याय भी शामिल हैं.समझा जाता है कि भुल्लर कथित तौर पर मानसिक बीमारी से पीडि़त है. उसका इलाज इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलायड साइंसेज (आईएचबीएएस) में चल रहा है. पीठ ने आईएचबीएएस को उसकी हालत के बारे में एक सप्ताह के अंदर मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

पीठ ने कहा (हम विचार करेंगे कि क्या क्षमा याचिका पर फैसले में विलंब के आधार पर मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने के बारे में) हमारा फैसला इस मामले में लागू हो सकता है या नहीं. हम उसकी (भुल्लर की) वर्तमान हालत के बारे में भी जानना चाहते हैं. चार न्यायमूर्तियों की इस पीठ ने कहा ,हम आईएचबीएएस को देविन्दरपाल सिंह भुल्लर की हालत के बारे में एक सप्ताह के अंदर हमें रिपोर्ट भेजने का आदेश देते हैं. भुल्लर की मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए उसकी पत्नी का आग्रह उच्चतम न्यायालय के 21 जनवरी के फैसले के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. इस फैसले में न्यायालय ने कहा था कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषी की क्षमा याचिका पर फैसले में अत्यधिक विलंब मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का आधार हो सकता है.

नवनीत कौर ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है जिसमें न्यायालय ने भुल्लर की क्षमा याचिका पर फैसला करने में सरकार की ओर से विलंब के आधार पर उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने का उसका (नवनीत कौर का) अनुरोध ठुकरा दिया था.

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