नयी दिल्ली : दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने आप सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को देख रहे विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले कर दिए जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि दिल्ली को ‘‘तबाह” करने का उन्होंने ‘‘पक्का इरादा” कर रखा है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासनिक प्रमुख उप राज्यपाल ही हैं, जिसके बाद जंग द्वारा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), पर्यावरण विभाग और स्वास्थ्य विभाग में किया गया यह पहला महत्वपूर्ण फेरबदल है.
जंग ने तरुण सीम की जगह आईएसएस अधिकारी चंद्राकर भारती को स्वास्थ्य सचिव बना दिया है और गैर-आईएएस पृष्ठिभूमि के अधिकारी सर्वज्ञ श्रीवास्तव की जगह अश्विनी कुमार को नया पीडब्ल्यूडी सचिव बना दिया है.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने जंग से अनुरोध किया था कि वे सीम और श्रीवास्तव का तबादला नहीं करें क्योंकि वे मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने और नयी स्कूली इमारतों के निर्माण जैसी दिल्ली सरकार की महत्वपूर्ण परियोजाओं को संभाल रहे हैं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘एलजी कई अधिकारियों के सीधे तबादले कर रहे हैं. मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को फाइलें नहीं दिखाई जा रहीं हैं. क्या यही है मोदी का लोकतंत्र का नमूना? मनीष सिसौदिया ने एलजी से अनुरोध किया था कि वे मोहल्ला क्लीनिक और नये स्कूलों के कामकाज को देख रहे अधिकारियों का 31 मार्च तक तबादला नहीं करें लेकिन वे नहीं पिघले.”
एलजी के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसौदिया ने कहा कि अगर स्वास्थ्य और शिक्षा घटिया किस्म के होंगे तो इसके जिम्मेदार मोदी होंगे क्योंकि वे आप सरकार के कामकाज में रोडे अटका रहे हैं.
सिसौदिया ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि मोदी जी ने ही एलजी से इन दोनों अधिकारियों का तबादला करने को कहा था. मोदी किसी भी हद तक जा सकते हैं. अगर शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर गिरता है तो इसके जिम्मेदार मोदी जी ही होंगे.” इससे पहले एक अन्य आदेश में एलजी ने आप सरकार के पिछले सभी आदेशों को निरस्त कर दिया था. उन्होंने आईएएस अधिकारियों, दानिक्स और डीएएसएस काडर के अधिकारियों, प्रधान निजी सचिवों की नियुक्ति और तबादले के लिए स्वीकृति प्राधिकारी बना दिए थे.
आदेश में जंग ने कहा था कि आईएएस, दानिक्स, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, केंद्रीय सिविल सेवाओं के समकक्ष अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले के लिए स्वीकृति प्राधिकारी एलजी ही होंगे. हालांकि डीएएसएस के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों, प्रधान निजी सचिवों, वरिष्ठ व्यक्तिगत सहायकों के लिए स्वीकृति प्राधिकारी मुख्य सचिव होंगे.