सणोसरा :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में एक सिंचाई परियोजना का उद्घाटन करने के बाद अशांत पटेल समुदाय के मुख्य क्षेत्र के किसानों से आज एक जनसभा में संपर्क साधा। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य में उनकी यह प्रथम जनसभा थी, जहां 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं. महत्वाकांक्षी नर्मदा अवतरण सिंचाई :सौनी: परियोजना के प्रथम चरण का यहां उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कांग्रेस पर एक परोक्ष हमला करते हुए कहा कि चुनाव प्रलोभन देकर जीते जा सकते हैं लेकिन ऐसा कर देश नहीं चलाया जा सकता. मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रलोभन देने में यकीन नहीं रखती.
गुजरात की इस वक्त यात्रा किए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. मोदी ने पटीदार :पटेल: बहुल सौराष्ट्र क्षेत्र में जामनगर जिला के सणोसरा गांव में एक विशाल जनसभा में कहा, ‘‘आप प्रलोभन देकर चुनाव जीत सकते हें लेकिन आप ऐसा कर देश नहीं चला सकते। हम प्रलोभन देने में यकीन नहीं रखते हैं. हमने बदलाव और विकास लाने के लिए इस परियोजना पर करीब 15 साल काम किया है.” पानी गुजरात में राजनीतिक रुप से एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसकी भाजपा की साल 2017 के विधानसभा चुनाव से भुनाने की योजना है, खासतौर पर ऐसे वक्त जब यह पटेल कोटा आंदोलन और दलितों के विरोध का सामना कर रही है. कांग्रेस ने ऐसे वक्त में सौनी योजना के प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन को चुनाव से पहले मतदाताओं को संदेश देने की एक कोशिश बताया है.
अपने भाषण में मोदी ने जल संरक्षण पर जोर दिया और गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान के अपने दिनों को याद किया जब लोग कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की उनकी दूरदृष्टि को नहीं समझ सके. मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं पहली बार :2001: में गुजरात का मुख्यमंत्री बना तब मैं किसानों को यह कहा करता था कि सिंचाई के लिए अधिक बिजली पाने के लिए सरकार से लडने की बजाय उन्हें जल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. हालांकि, मैं करीब दो तीन साल तक उन्हें समझाने में नाकाम रहा
मोदी ने कहा, ‘‘उस वक्त मैंने किसानों का काफी विरोध झेला. उन्होंने मेरे पुतले फूंके. लेकिन अपने विजन पर दृढ रहा। स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई और सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों के जरिए जल संरक्षण की मेरी दूरदृष्टि को स्वीकार करने को लेकर मैं किसानों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। इसने भूजल स्तर को काफी हद तक उपर उठाया.” उन्होंने कहा कि नर्मदा का पानी अब शुष्क कच्छ क्षेत्र के आखिरी छोर तक पहुंच चुका है और किसानों की काफी हद तक मदद की है.
मोदी ने कहा, ‘‘नर्मदा का पानी कच्छ में खावदा तक पहुंच गया है. एक ऐसा वक्त था जब वहां तैनात हमारे बीएसएफ के जवानों के लिए पानी ढोने के लिए उंट का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब, वे नहाने तक के लिए नर्मदा के पानी का इस्तेमाल करते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने जय जवान जय किसान के उद्देश्य पर काम किया। नर्मदा के पानी ने किसानों का जीवन भी बदल दिया. इस मौसम में कच्छ के किसानों ने 70,000 टन केसर आम निर्यात किया.” उन्होंने उस दिन को याद करते हुए कहा कि जब मोदी ने सौनी योजना का विचार सबसे पहले दिया था, तब लोगों ने शुरुआत में इस परियोजना की सफलता पर आशंका जताई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘25 सितंबर 2012 को मैंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्म दिवस समारोह को मनाने के एक कार्यक्रम के दौरान राजकोट में एसएयूएनआई :सौनी: परियोजना की प्रस्तुति दी थी। हॉल में मौजूद सौराष्ट्र क्षेत्र के सभी प्रतिनिधि इस योजना के बारे में जानकर हतप्रभ रह गए। ” मोदी ने बताया कि काम फरवरी 2014 में शुरु हुआ जिसके बाद वह प्रधानमंत्री बन गए.
तब तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी उठाई और आखिर में मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रुपानी तथा उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की टीम ने इस कार्य को आगे बढाया। और आज परियोजना साकार हो गई. उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत कुल 115 जलाशयों में पानी भरेगा. मोदी ने कहा कि सौराष्ट्र क्षेत्र में नर्मदा नहर नेटवर्क के चलते कृषि उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि अकेले सौराष्ट्र क्षेत्र में ही कपास उत्पादन 370 फीसदी, मूंगफली उत्पादन में 600 फीसदी ओर गेहूं उत्पादन में 300 फीसदी वृद्धि हुई है. मैं हैरान हूं कि तब क्या होगा जब किसानों को इस परियोजना से और अधिक पानी मिलेगा। यह पानी उनके लिए सोना से कम नहीं.”‘एसएयूएनआई’ :सौनी: योजना के तहत गुजरात सरकार की योजना सौराष्ट्र क्षेत्र के 115 जलाशयों को सरदार सरोवर बांध से बहने वाले नर्मदा के फाजिल पानी से भरने की है. इसके लिए पाइपलाइनों का एक जाल बिछाया जाएगा.
12,000 करोड रुपये की योजना का लक्ष्य नर्मदा पर बने सरदार सरोवर के पानी को शुष्क सौराष्ट्र क्षेत्र के 115 जलाशयों में पहुंचाना है. मॉनसून के दौरान बांध के उपर से बहने वाला करीब 30 लाख एकड फुट पानी समुद्र में जाने से बर्बाद हो जाता है. यह परियोजना चार चरणों में विभाजित है. पहले चरण में अजी…3 सहित 10 जलाशयों को नर्मदा के फाजिल पानी की आपूर्ति होगी. मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी केंद्र सरकार की किसान समर्थन योजनाओं का भी जिक्र किया.