हुर्रियत नेता सैयद गिलानी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के चार नेताओं से मिलने से किया इंकार
नयी दिल्ली/ श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अशांत और हिस्सा के माहौल पर चर्चा के लिए आज सर्वदलीय टीम श्रीनगर पहुंचा. इस दौरान सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक की. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला के साथ भी मुलाकात की है. उधर अलगाववादी नेताओं से सीताराम येचुरी, […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 4, 2016 9:31 AM
नयी दिल्ली/ श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अशांत और हिस्सा के माहौल पर चर्चा के लिए आज सर्वदलीय टीम श्रीनगर पहुंचा. इस दौरान सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक की. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला के साथ भी मुलाकात की है. उधर अलगाववादी नेताओं से सीताराम येचुरी, डी राजा व शरद यादव मुलाकात करेंगे.अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेताओं के साथ नहीं मिलने की घोषणा की है.
जम्मू कश्मीर के मामले पर सर्वदलीय बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. सर्वदलीय टीम जम्मू कश्मीर में हालात के लिए किन- किन प्रतिनिधियों से बात करेगी इस पर भी चर्चा हुई. जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा है. हालांकि महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा है. इस दौरे की जानकारी देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया हम कश्मीर में शांति चाहते हैं.
दिल्ली में प्रतिनिधिमंडल ने रवानगी से पहले संकेत दिये कि उम्मीद है कि इस दौरे का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस दौरे से हम किसी नतीजे पर पहुंचने में सफल होंगे. जिससे कश्मीर के लिए एक अलग रास्ता खुलेगा और शांति बहाली की तरफ हम आगे बढ़ेंगे. हम जमीन पर ही कई अहम फैसले लेने होंगे.
यह सभी राजीतिक पार्टियों के लिए शानदार मौका है जब वो कश्मीर के लोगों से सीधे बातचीत कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं उन्होंने कहा कि हम हम लोग खुलेविचार से जा रहे हैं. जिनसे भी हम बात करेंगे और जो भी हमसे संविधान के दायरे में बात करेगा हम उसकी बात मानेंगे. दूसरी तरफ कश्मीर में आज 58 दिन भी कर्फ्यू की स्थिति बनी हुई है.
प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे में कश्मीर में अलग अलग वर्गों के लोगों से बातचीत करेगा. गृह मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और कुछ शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में इसकी पूरी जानकारी पहले ही दे दी है. प्रतिनिधिमंडल में 23 दलों के 28 नेता शामिल हैं.
बैठक में सांसदों को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा जमीनी हालात, विभिन्न हितधारकों, लोगों और समूहों के रूख की जानकारी दी गयी. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि राज्य में शांति बहाल करने के उद्देश्य को लेकर सभी सांसद एक सुर में बोलें और अलग -अलग वर्ग के लोगों से बात करते समय सांसदों के बीच आपसी सहमति हो. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अलगाववादियों सहित किसी से भी मिलने के लिए स्वतंत्र होंगे.
हालांकि गृह मंत्री या कोई अन्य केंद्रीय मंत्री केवल उन्हीं लोगों से मिलेंगे जो संविधान के दायरे में सभी मुद्दों का हल करने के लिए तैयार हों. आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में अशांति है.राजनाथ और जितेंद्र के अलावा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्री अरुण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (लोजपा) जदयू नेता शरद यादव, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा शामिल हैं.
प्रतिनिधिमंडल में राकांपा के तारिक अनवर, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, शिवसेना के संजय राउत एवं आनंदराव अडसुल, तेदेपा के टी नरसिंह, शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिहं चंदुमाजरा, बीजद के दिलीप टिर्की, एमआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल और मुस्लिम लीग के ई अहमद, टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल, राजद के जयप्रकाश यादव, द्रमुक के तिरुचि शिवा, वाईएसआर कांग्रेस के वाई बी सुब्बा, आप के धर्मवीर गांधी और रालोद के दुष्यंत चौटाला भी शामिल हैं. बसपा और समाजवादी पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया है लेकिन अपना कोई सदस्य नामित नहीं किया है. गौरतलह है कि घाटी में पिछले लगभग 58 दिनों से हालात असामान्य हैं. अब तक 71 के क़रीब लोगों की मौत सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए मुठभेड़ में हुई है. केंद्र सरकार भी जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर चिंतित है.