कश्मीर हिंसा : बोले राजनाथ, हुर्रियत में नहीं दिखी इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत

श्रीनगर : कश्मीर में जारी हिंसा के मद्देनजर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कल व आज जम्मू कश्मीर में विभिन्न धड़ाें से वार्ता की, हालांकि हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं से राजनाथ सिंह व सवर्दलीय प्रतिनिधिमंडल के किसी सदस्य से वार्ता नहीं हो सकी. दो दिनी दौरे के बाद आज श्रीनगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2016 11:18 AM

श्रीनगर : कश्मीर में जारी हिंसा के मद्देनजर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कल व आज जम्मू कश्मीर में विभिन्न धड़ाें से वार्ता की, हालांकि हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं से राजनाथ सिंह व सवर्दलीय प्रतिनिधिमंडल के किसी सदस्य से वार्ता नहीं हो सकी. दो दिनी दौरे के बाद आज श्रीनगर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रेस कान्फ्रेंस दौरे व उसके हासिल का ब्यौरा देते हुए हुर्रियत को निशाने पर लिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं रौशनदान भी खुले हुए हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 20 राजनीतिक दलों के 26 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य हुर्रियत के लोगों से मिलने गये थे, लेकिन उन लोगों ने मुलाकात नहीं की. राजनाथ ने कहा कि यह कश्मीरियत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह इंसानियत भी नहीं है.राजनाथ सिंह ने कहा कि वार्ता के लिए दरवाजे खुले होने पर भी वार्ता के लिए आगे नहीं आना जम्हूरियत भी नहीं है.

उन्होंने ताजा हालात की जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कल से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के लोगों से बातचीत के लिए आया है. देश की सबसे बड़ी पंचायत इसे लेकर बहुत संजीदा है. यही कारण है कि उस पंचायत ने प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया 20 पार्टी के 26 सदस्य यहां आये हैं. कल से 300 से अधिक लोग जिसमें विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, सिविल सोसाइटी के लोग, विद्यार्थी और कुछ बुद्धिजीवी शामिल हैं उन्होंने अपनी बात रखी. सब इस पर सहमतहैं कि कश्मीर के हालात सुधरने चाहिए. कल जम्मू कश्मीर के गर्वनर से भी बात हुई. राज्य के अफसरों से भी इस संबंध में चर्चा हुई है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि हालात में सुधार होगा. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. कश्मीर के लोग भी यही चाहते हैं. कल प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य मिलने गये थे उन्होंने ना हां कहा था और न ना कहा था लेकिन जो कुछ भी हुआ उसकी जानकारी आप सभी को है. वहां से लौटने के बाद उन्होंने जो जानकारी दी उस पर यह कह सकता हूं कि यह कश्मीरियत तो नहीं है. उसे इंसानियत भी नहीं माना जा सकता. उन्हें जम्हूरियत में भी यकीन नहीं है.

राजनाथ ने कहा, हम जब यहां आये थे उसी वक्त हमने कहा था कि हम शांति के लिए सभी दलों से बातचीत के लिए तैयार हैं. हम राज्य सरकार को सहयोग दे रहे हैं. राज्य सरकार भी कोशिश कर रही है कि हालात में सुधार आये. मैं यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि 24- 25 जुलाई को जब मैं यहां आया था, तो पैलेट गन को लेकर शिकायत की गयी थी. मैंने कमेटी गठित की थी और दो माह में रिपोर्ट आने पर सुझाव पर अमल की बात कही थी. लेकिन उससे पहले पावा का सुझाव आया है,उसे अमल में लाया. हमें लगता है कि इससे किसी की मौत नहीं होगी. किसी की जान नहीं जायेगी. कल से उसके 1 हजार सेल्स यहां आ चुके हैं.

मुझसे यह शिकायत की गयी थी कि कश्मीर के बच्चे जो देश के दूसरे भागों में हैं उनकी कुछ शिकायतें हैं उसके लिए हमने नोडल ऑफिसरतैनातकरने का एलान किया था. हमने गृहमंत्रालय में नोडल ऑफिसर तैनात कर दिया,जिनका नाम डॉ संजय राय है. उनसे शिकायत के लिए फोन नंबर 23092923, 23092885 है, जो 24 घंटे खुले रहेंगे. गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत के लिए न सिर्फ हमारे दरवाजाबल्कि हमारे रौशनदान भी खुले हुए हैं. मुख्यमंत्री महबूबा ने खुद पत्र लिखा था. कल से जो बातचीत दूसरे लोगों के साथ हो रही है वो काफी सकारात्मक रही है. कश्मीर के हालात को लेकर पूरी संसद और देश को तकलीफ है. हमें सबका सहयोग चाहिए.गृहमंत्री ने एक पत्रकार के पाकिस्तानसे बातचीतसे संबंधित सवाल के जवाब में कहा किदेश का मामला है, देशमें ही रहने दीजिए.

कल के प्रयासों के बाद रामविलास पासवान ने कहा, पिछली बार की तरह चीजें इस बार नहीं है. हुर्रियत के नेताओं ने पिछली बार बात करने से इनकार नहीं किया था लेकिन इस बार वो बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. वो अपने स्टैंड पर कायम हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कुछ लोगों ने हुर्रियत नेताओं से निजी तौर परमिलने का प्रयास किया लेकिन वो सफल नहीं हुए. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर पॉलिटिकल डॉयलॉग को आगे ले जाना चाहिए.

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