बोले अन्ना हजारे- अगर टीम अन्ना नहीं टूटती तो देश में जरूर बदलाव आता
रालेगण सिद्धि : समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन की याद ताजा करते हुए आज कहा कि अगर टीम अन्ना और इंडिया अगेंस्ट करप्शन नहीं टूटती, देश में बदलाव आना था. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल में अच्छाई दिखी, सोचा वह भारत के लिए कुछ करके दिख लायेंगे, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन […]
रालेगण सिद्धि : समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने आंदोलन की याद ताजा करते हुए आज कहा कि अगर टीम अन्ना और इंडिया अगेंस्ट करप्शन नहीं टूटती, देश में बदलाव आना था. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल में अच्छाई दिखी, सोचा वह भारत के लिए कुछ करके दिख लायेंगे, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन किया, हमारी टीम टूट गई और देश को जूझना पड़ा.
दिल्ली में सरकार और उसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रियों के विवादों में फंसने से दुखी हुए अन्ना हजारे ने फिर से टीम केजरीवाल को लेकर हताशा जाहिर की और कहा कि केजरीवाल से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि मैंने अरविंद से पूछा था कि पार्टी में आने वाले लोग विचार और आचारशील होंगे इसके लिए उन्होंने क्या क्राइटिरिया फिक्स किया है, लेकिन इस सवाल का जवाब उनकी ओर से नहीं आया. ऐसे में केजरीवाल की पार्टी की ओर से दागी लोगों को भी पार्टी टिकट देने का काम किया गया जिसका परि णाम सबके सामने है.
अन्ना ने अरविंद को अपना अनुयायी बताया था लेकिन आज जब उनसे इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी को शिष्य नहीं चुनता हूं. अरविंद केजरीवाल में मुझे गुण नजर आए थे. उसमे देश के लिए कुछ करने का जज्बा दिखा था. अन्ना ने कहा कि रामलीला मैदान के बाद अन्ना टीम और इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नाम देश और विदेश में अपनी जगह बनाने लगा था और लोगों की उम्मीद हमसे थी, लेकिन अरविंद ने पार्टी बनाने के लिए कहा और मैंने इसके लिए हां कहा दिया….
Saw goodness in Arvind Kejriwal,thought he’d do something for India;when he formed a party(AAP), our team broke up &nation suffered:A Hazare
— ANI (@ANI) September 7, 2016
अन्ना आंदोलन और देश में इसके असर पर अन्ना ने कहा कि टीम और इंडिया अगेंस्ट करपशन टूट गया या तोड़ा गया पता नहीं, अगर टीम नहीं टूटती तो देश में बदलाव की बहार जरूर दिखाई देती. देश में बदलाव नहीं हुआ इसका दुख हमेशा रहेगा. आंदोलन के समय हमें आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ा. उस वक्त कई लोग मदद के लिए आगे आए. अरविंद ही आर्थिक कार्यो को देख रहा था.