नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले तक उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि राष्ट्रपति भवन किस तरह से काम करता है. उन्होंने कहा है कि पद की शपथ लेने से दो दिन पहले इस बारे में जानकारी लेने के लिए उन्होंने अपनी बेटी को इस आलीशान भवन में भेजा था. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में स्थित संग्रहालय दो अक्तूबर से शुरू हो जाएगा. जिसके बाद अंग्रेजों के जमाने की इस इमारत में रखे गए विशेष उपहारों और बहुमूल्य संग्रह को देखा जा सकेगा.
मुखर्जी ने दरबार हॉल, अशोक हॉल, बैंक्वेट हॉल समेत राष्ट्रपति भवन की भीतरी व्यवस्था का खाका भी खींचा जिनका इस्तेमाल विभिन्न तरह के समारोहों के लिए किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसमें उनके सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक है पुस्तकालय. उन्होंने उस जगह के बारे में भी बताया जहां ब्रिटेन के वायसराय ठहरते थे. जाने-माने बंगाली लेखक प्रो.
रंजन बनर्जी ने राष्ट्रपति द्वारा शुरू किये गये ‘इन-रेसिडेंस’ कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति भवन में सात दिन गुजरे थे जिसके लिए मुखर्जी ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा, ‘दो अक्तूबर से संग्रहालय शुरू हो जाएगा. इसमें वे उपहार रखे गए हैं जो दूसरे देशों के प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों जैसे राष्ट्र प्रमुखों और विदेशी उच्चाधिकारियों की ओर से दिये गये थे.’